November 26, 2024

मोदी सरकार के खिलाफ ‘INDIA’ गठबंधन ने बनाई खास रणनीति

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नईदिल्ली

संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है. मणिपुर हिंसा को लेकर दोनों सदनों में संग्राम छिड़ा हुआ है. विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A खास रणनीति के तहत मोदी सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा. विपक्ष की मांग है कि इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के साथ विस्तृत चर्चा हो. जबकि सरकार गृह मंत्री अमित शाह के बयान के साथ चर्चा कराना चाहता है. विपक्ष ने मणिपुर मुद्दे पर केंद्र को घेरने के लिए लोकसभा और राज्यसभा के लिए अलग अलग रणनीति बनाई है. इसी के तहत मणिपुर मुद्दे पर पीएम मोदी के बयान के अलावा विपक्ष को कुछ भी मंजूर नहीं है. आइए जानते हैं कि विपक्ष की रणनीति क्या है?

सूत्रों ने मॉनसून सत्र के लिए I.N.D.I.A गठबंधन की पूरी रणनीति बताई है. रणनीति के तहत जब कोई केंद्रीय मंत्री या सांसद सदन में बोलेगा, तब विपक्षी सांसद विरोध और नारेबाजी करेंगे. हालांकि, यह भी तय हुआ है कि जब सदन में नितिन गडकरी जैसे कुछ मंत्री या अन्य पार्टियों के सांसद अपनी बात रखेंगे, तो विपक्ष शांत रहेगा. ऐसा ही कुछ बुधवार को देखने को मिला, जब बीजेडी सांसद सस्मित पात्रा ने जब बुधवार को राज्यसभा में महिलाओं को आरक्षण संबंधित बिल का मुद्दा उठाया, तो विपक्षी सांसदों ने मर्यादा बनाए रखी.

मणिपुर पर मोदी सरकार को है घेरना
 
I.N.D.I.A गठबंधन में शामिल एक पार्टी के नेता ने आजतक को बताया कि रणनीति के तहत विपक्षी सांसद प्रश्नकाल के समय मणिपुर का मुद्दा उठाएंगे. तारांकित प्रश्न लेते समय अध्यक्ष को पूरक के लिए सदस्य के पास आना पड़ेगा. इस दौरान विपक्षी सांसद मणिपुर का मुद्दा उठाएंगे. राज्यसभा में यह रणनीति बार बार देखने को मिल रही है. इतना ही नहीं विपक्ष ने लोकसभा और राज्यसभा के लिए अलग अलग रणनीति बनाई है. विपक्ष का एकमात्र फोकस मणिपुर मुद्दे पर  बोलने के लिए केंद्र और पीएम मोदी पर दबाव बनाना है.

क्या होता है तारांकित प्रश्न?

तारांकित प्रश्‍न वह होता है, जिसका सदस्य मौखिक उत्तर चाहता है. जब प्रश्‍न पर सत्ता पक्ष की ओर से मौखिक उत्तर होता है तो उस पर अनुपूरक प्रश्‍न पूछे जा सकते हैं.  

इसी रणनीति के तहत लाया गया अविश्वास प्रस्ताव

विपक्ष इसी रणनीति के तहत लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव लाया है. जबकि राज्यसभा में सरकार का जवाब पाने के लिए अलग अलग रणनीति बनाई गई है. इतना ही नहीं बेंगलुरु में हुई बैठक के बाद विपक्षी दल ज्यादा एकजुट नजर आ रहे हैं और ज्यादा समन्वय के साथ सरकार को घेर रहे हैं. कहीं न कहीं विपक्ष की ये रणनीति सफल होते भी नजर आ रही है.

क्यों लाया गया अविश्वास प्रस्ताव?

मोदी सरकार बहुमत में है. ऐसे में ये साफ है कि विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा. सवाल यह उठता है कि पूर्ण बहुमत की मोदी सरकार होने के बावजूद विपक्ष यह अविश्वास प्रस्ताव क्यों ला रहा है? दरअसल, विपक्षी पार्टियों का यह मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर के मामले पर सदन में कोई जवाब नहीं दे रहे हैं लेकिन जब अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा, तब प्रधानमंत्री को इस पर सदन के अंदर जवाब देना होगा. यही वजह है कि सभी विपक्षी पार्टियां यह जानती हुए कि उनके पास आंकड़ा नहीं है. बावजूद इसके यह प्रस्ताव लोकसभा में लाया जा रहा है.

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