November 26, 2024

सेक्स पार्टी, छात्राओं के हजारों गंदे वीडियो, ड्रग पैडलर बना स्टाफ; पाकिस्तानी यूनिवर्सिटी की अय्याशी की कहानी

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इस्लामाबाद

सेक्स पार्टी, फोन में गंदे वीडियोज, ड्रग्स की बिक्री, ब्लैकमेल कर यौन उत्पीड़न, यह कहानी किसी आपराधिक समूह की नहीं, बल्कि पाकिस्तान की एक यूनिवर्सिटी की है। हाल ही में पुलिस की एक विशेष रिपोर्ट के सामने आने के बाद पाकिस्तान की इस्लामिया यूनिवर्सिटी बहावलपुर जांच के दायरे में आ गई है। यहां छात्रों से लेकर शिक्षकों तक के इस पूरे कांड में शामिल होने की बात सामने आ रही है। हालांकि, विश्वविद्यालय के शीर्ष अधिकारी आरोपों से इनकार कर रहे हैं। अब तक इस मामले में तीन लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

क्या है मामला
पुलिस के अनुसार, यूनिवर्सिटी में नशे की सामग्री और यौन शोषण की जांच की जा रही है। जांच के दौरान गिरफ्तार किए गए अधिकारियों के फोन से कई चौंकाने वाले सुराग हाथ लगे हैं, जिनमें व्हाट्सऐप चैट्स और कई अश्लील वीडियोज शामिल हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यूनिवर्सिटी के दो अधिकारियों को ड्रग्स के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। साथ ही ये छात्रों और कर्मचारियों को ब्लैकमेल करने और उनका यौन उत्पीड़न करने में भी शामिल थे।

एक रिपोर्ट में दावा भी किा जा रहा है कि कोषाध्यक्ष की तरफ से कबूला गया है कि वह कुछ अन्य शिक्षकों के समूह के साथ छात्रों के जरिए ड्रग्स खरीदते और बेचते थे। साथ ही इनकी मदद से ही डांस और सेक्स पार्टियों का आयोजन  किया जाता था। पुलिस का दावा है कि शिक्षकों का एक समूह लड़कियों को ब्लैकमेल करता था और उ्नहें ड्रग्स का इस्तेमाल कर फंसाता था। कहा जा रहा है कि आरोपियों की नजर आर्थिक रूप से कमजोर लड़कियों पर होती थी।

अधिकारियों के पास मिली चरस और गंदे वीडियोज
गिरफ्तार हुए कोषाध्यक्ष के पास 10 ग्राम चरस भी बरामत हुई है। साथ ही उसके फोन में कई अश्लील वीडियोज भी थे। उसके साथ ही यूनिवर्सिटी के सुरक्षा अधिकारी रिटायर्ड मेजर ऐजाज हुसैन को भी गिरफ्तार किया गया है। आशंका जताई जा रही है कि गोरखधंधा सालों से चला आ रहा है।

आगे क्या
मामला सामने आते ही पाकिस्तान के उच्च शिक्षा आयोग ने हाईलेवल कमेटी गठित करने का फैसला किया है। इसमें तीन कुलपति और सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी शामिल होंगे। इधर, यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर अथहर महबूब ने IG पुलिस डॉक्टर उस्मान अनवर को पत्र लिखा है, जिसमें गिरफ्तारियों की उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है। साथ ही उन्होंने अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मामले को भी फर्जी बताया है।

 

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