September 23, 2024

बृजभूषण की जगह लेने को तैयार महिला पहलवान?

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नईदिल्ली

भारतीय कुश्ती महासंघ का चुनाव रोचक हो गया है। महासंघ के अध्यक्ष पद के मुकाबले में बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले की गवाह रहीं अनीता श्योराण ने नामांकन दाखिल किया है। दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक जीत चुकीं अनीता श्योराण ने सोमवार को ही नामांकन दाखिल किया, जो आखिरी दिन था। कुश्ती महासंघ के चुनाव के लिए 12 अगस्त को मतदान होना है। यदि अनीता इस चुनाव में जीत जाती हैं तो यह अपने आप में इतिहास होगा क्योंकि वह पहली महिला अध्यक्ष होंगी। कुश्ती के खेल में अब तक पुरुष पहलवानों का ही प्रभुत्व रहा है, लेकिन अनीता श्योराण इस रीत को बदल सकती हैं।

इसके अलावा बृजभूषण गुट को पटकनी देना भी एक उपलब्धि होगा। बृजभूषण शरण सिंह के समर्थकों ने भी अध्यक्ष समेत सभी 15 पदों पर अपने नामांकन दाखिल किए हैं। ऐसे में यह भी दिलचस्प होगा कि नतीजा किसके पक्ष में जाता है। कुश्ती महासंघ के 50 सदस्य मतदाताओं और उम्मीदवारों की सूची में भी अनीता अकेली महिला हैं। अनीता का मुकाबला बृजभूषण के दो समर्थकों दिल्ली के ओलंपियन जय प्रकाश और यूपी के संजय सिंह भोला से होना है।  इन दोनों ही उम्मीदवारों का बृजभूषण शरण सिंह से पुराना रिश्ता रहा है।

बृजभूषण शरण सिंह पर 6 महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न का आरोप है। फिलहाल वह दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत पर हैं। उन्हें इसी मामले में चुनाव लड़ने से बेदखल किया गया है। इसके अलावा उनके परिवार के किसी सदस्य को भी चुनाव में शामिल होने की परमिशन नहीं दी गई है। मतदाता सूची में भी बृजभूषण शरण सिंह या उनके परिवार का कोई मेंबर नहीं है। इसके बाद भी बृजभूषण शरण सिंह भले ही पद गंवा चुके हैं, लेकिन रुतबा नहीं छोड़ना चाहते। उन्होंने सोमवार को कुश्ती महासंघ की प्रदेश यूनिट्स की मीटिंग बुलाई थी। इसके बाद दावा किया कि कुल 25 स्टेट यूनिट्स में से 20 उनके साथ हैं।

उनके समर्थक उम्मीदवार जयप्रकाश ने भी कहा कि हमें अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है। वहीं विपक्षी पैनल का नेतृत्व अनीता श्योराण कर रही हैं। माना जा रहा है कि उन्हें बृजभूषण की विरोधी लॉबी का पूरा समर्थन हासिल है। अनीता यौन उत्पीड़न केस में गवाह हैं। उन्होंने पिछले दिनों कहा था कि एक पीड़ित पहलवान ने उन्हें पूरी घटना की जानकारी दी थी और बताया था कि जबरदस्ती बृजभूषण ने उसे गला लगा लिया था। हालांकि चुनाव को लेकर अनीता चुपचाप ही लड़ाई में हैं और टिप्पणी करने से बच रही हैं।

 

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