HC से नीतीश सरकार को बड़ी राहत, बिहार में जारी रहेगी जाति जनगणना
पटना
बिहार में जातिगत गणना से रोक हट गई है। पटना हाईकोर्ट ने जातीय गणना के खिलाफ दायर सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है। नीतीश सरकार को इस मामले में बड़ी राहत मिली है। राज्य में जातीय गणना पर काम अब फिर से शुरू हो जाएगा। हाईकोर्ट ने बीते 4 मई को जातिगत गणना के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए इसपर अस्थायी रोक लगाई थी। हालांकि, अब अदालत से नीतीश सरकार को हरी झंडी मिल गई है। हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार के जातिगत गणना कराने के फैसले को सही करार दिया है।
पटना हाईकोर्ट ने जातीय गणना के खिलाफ दायर याचिका पर बीते महीने लगातार पांच दिन सुनवाई की। दोनों ओर के पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने 7 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट के फैसले का सभी को कई दिनों से इंतजार था। मंगलवार को HC ने करीब 100 पन्नों का आदेश जारी किया। मुख्य बात यह है कि कोर्ट ने उन सभी अर्जियों को खारिज कर दिया है, जिनमें यह दलील देते हुए रोक लगाने की मांग की गई थी कि जनगणना का काम सिर्फ केंद्र का है राज्य का नहीं।
नीतीश सरकार ने पिछले साल बिहार में जातिगत गणना कराने का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके बाद जनवरी 2023 में इस पर काम शुरू हुआ। जातिगत गणना को दो चरणों में आयोजित किया गया। पहला चरण जनवरी में तो दूसरा अप्रैल में शुरू हुआ। दूसरे चरण के दौरान पटना हाईकोर्ट ने जातिगत गणना पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी। जिससे बिहार में इस पर काम रुक गया। साथ ही कोर्ट के आदेश पर तब तक इकट्ठा किए गए आंकड़ों को संरक्षित रखा गया।