चीनी कार कंपनी का 74 करोड़ का गड़बड़झाला, अब DRI का चल रहा है डंडा?
नईदिल्ली
चीन की प्रमुख इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी बिल्ड योर ड्रीम (BYD) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. हाल ही में दिल्ली और बीजिंग के बीच तल्ख रिश्तों के चलते कंपनी को भारत में अपने बिलियन डॉलर निवेश की योजना पर विराम लगाना पड़ा था. अब समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, BYD द्वारा भारत में बेची जाने वाली असेंबल्ड कारों में इस्तेमाल किए गए इम्पोर्टेड कंपोनेंट पर कम टैक्स का भुगतान करने का आरोप लगा है. कम टैक्स भुगतान के आरोप में डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (DRI) इस मामले की जांच कर रहा है.
डीआरआई का दावा है कि चीन की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन (EV) निर्माता कंपनी BYD ने 9 मिलियन डॉलर (तकरीबन 74 करोड़ रुपये) का कम कर (Tax) चुकाया है. हालाँकि BYD ने प्रारंभिक जांच के बाद यह राशि जमा कर दी है लेकिन अभी भी जाँच जारी है. बताया जा रहा है कि, इस मामले में और अतिरिक्त कर शुल्क और जुर्माना लगाया जा सकता है. फिलहाल इस मामले में BYD या DRI की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है.
पिछले महीने, केंद्र सरकार ने कथित तौर पर BYD द्वारा भारत में इलेक्ट्रिक फोर-व्हीलर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के लिए 1 बिलियन डॉलर के निवेश के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. चीन की कंपनी भारत में हैदराबाद स्थित मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के साथ साझेदारी में यह निवेश करने की योजना बना रही थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार इस 1 बिलियन डॉलर के निवेश की भी जांच कर रही है
बीवाईडी ने हाल ही में अपने भारतीय ज्वाइंट वेंचर पार्टनर मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड से कहा था कि, उसने अपनी निवेश योजना रद्द कर दी है, क्योंकि उसे अधिकारियों की जांच का सामना करना पड़ रहा है. हाल के वर्षों में, भारत में चीनी कंपनियों को 2020 में दोनों देशों के बीच सीमा संघर्ष के बाद बढ़ी हुई जांच का सामना करना पड़ रहा है.
BYD ने बीते ऑटो एक्सपों अपने वाहनों के विस्तृत रेंज को पेश किया था और कंपनी भारतीय बाजार में तेजी से नेटवर्क विस्तार पर भी काम कर रही है. कंपनी अपने नए मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के साथ प्रोडक्शन को बेहतर करने और कम कीमत में इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण करना चाहती है. लेकिन भारत-चीन के खराब रिश्ते और सिक्योरिटी को लेकर भी उठते सवालों के चलते BYD की राह भारत में कठिन हो रही है.