गाँव-गाँव, शहर-शहर, समरसता की लहर
समरसता यात्रा में सीहोर, बैतूल, गुना, जबलपुर और टीकमगढ़ उमड़ा जन-सैलाब
भोपाल
संत रविदास के संदेश और जीवन मूल्यों के प्रति समाज में जागरूकता लाने के उद्देश्य से प्रदेश के विभिन्न स्थानों से निकाली जा रही समरसता यात्राएँ 12 अगस्त को सागर पहुँचेंगी, जहाँ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संत रविदास मंदिर निर्माण का शिलान्यास करेंगे। यात्राओं ने 15वें दिन 8 अगस्त को सीहोर, बैतूल, गुना, जबलपुर और टीकमगढ़ जिले में सद्भावना का संदेश दिया।
संत रविदास समरसता यात्राओं में प्रतिदिन जनसैलाब उमड़ रहा है। संत रविदास समरसता यात्रा रथ जहाँ-जहाँ से गुजर रहा है, वहाँ के लोग स्मारक निर्माण के लिये अपने क्षेत्र की मिट्टी तथा नदियों का जल देकर धन्य हो रहे हैं। सभी जगह विभिन्न समाज के लोगों द्वारा हर्षोल्लास के साथ समरसता यात्रा का भव्य स्वागत किया जा रहा है।
समरसता यात्रा के 15वें दिन सीहोर में विधायक सुदेश राय, बैतूल जन-प्रतिनिधियों, गुना में गोपीलाल जाटव, जबलपुर में विधायक अशोक रोहाणी और टीकमगढ़ में अन्य जन-प्रतिनिधियों ने समरसता यात्रा का स्वागत किया।
सीहोर
रूट क्रमांक 1 की संत रविदास यात्रा ने 25 जुलाई को नीमच से प्रारंभ होकर 8 अगस्त को सीहोर जिले के क्रिसेंट चौराहे पहुँचने पर विधायक सुदेश राय, नगरपालिका अध्यक्ष प्रिंस राठौर सहित अनेक जन-प्रतिनिधियों ने भव्य स्वागत कर उनकी चरण पादुकाओं का पूजन किया। देवास के आष्टा में प्रवेश किया। समरसता यात्रा भेरूंदा पहुँची जहाँ नागरिकों ने भव्य स्वागत किया इसके पहले ग्राम काकड़खेड़ा, इछावर, नादान, लाडकुई में समरसता का संदेश दिया।
भेरूंदा में जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया। जन-संवाद कार्यक्रम में जिला पंचायत अध्यक्ष गोपाल सिंह इंजीनियर ने कहा कि संत शिरोमणि रविदास महाराज भारतीय समाज के पुनर्जागरण के अग्रदूत रहें हैं। उन्होंने सामाजिक समरसता और सद्भाव का संदेश समाज को दिया है।
बैतूल
रूट क्रमांक 2 की संत रविदास यात्रा ने 25 जुलाई को धार जिले के माण्डव से प्रारंभ होकर 8 समरसता यात्रा मंगलवार को बैतूल जिले पहुँची। बैतूल जिले में प्रवेश पर गवासेन, चिचोली, जीन दनोरा, खेड़ी सांवलीगढ़, भडूस एवं बैतूल नगर के कारगिल चौक पर यात्रा का पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया गया। जगह-जगह ढोल-बाजे के साथ कलश यात्रा निकाली गई। ग्राम जीन दनोरा में संत शिरोमणि रविदास जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया एवं पादुका पूजन किया गया। टिकारी स्थित संत शिरोमणि रविदास जी गुरू घर पर भी पूजन-अर्चन कर पादुका पूजन किया गया।
ग्राम खेड़ी सांवलीगढ़ एवं बैतूल के टिकारी स्थित संत शिरोमणि रविदास जी गुरू घर परिसर में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में संबोधित करते हुए अनुसूचित जाति एवं वित्त विकास निगम के अध्यक्ष सावन सोनकर ने कहा कि सागर में संत शिरोमणि रविदास जी मंदिर एवं कला संग्रहालय के निर्माण के लिए प्रदेश के विभिन्न स्थानों से समरसता यात्राएं रवाना हुई है। जिससे प्रत्येक परिवार लाभान्वित हो रहा है। उन्होंने कहा कि संत शिरोमणि रविदास जी राष्ट्र की धरोहर है। उन्होंने हिन्दू परंपरा को आगे बढ़ाया है। यात्रा का उद्देश्य सभी में समरसता की भावना पैदा करना है।
कार्यक्रम में लोक गायक दयाराम सारोलिया एवं अन्य साथियों द्वारा संत शिरोमणि रविदास जी के भजनों पर आधारित सुंदर प्रस्तुतियां दी गई।
गुना
रूट क्रमांक 3 की संत रविदास समरसता यात्रा ने 25 जुलाई को श्योपुर जिले से प्रारंभ होकर 8 अगस्त को गुना पहुँची। जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय शुभ विदाई गार्डन जिला पंचायत विश्राम गृह गुना में संपन्न हुआ। रविदास जी के जीवन पर आधारित भजनों की प्रस्तुति दी गयी और संत रविदास जी के जीवन वृत्तांत का उल्लेख किया गया। गुना और बीनागंज चाचौड़ा में जनसंवाद में यात्रा के उद्देश्य पर अपनी बात रखते हुए हरिद्वार से धारी यात्रा संयोजक साध्वी रंजना दीदी ने बताया कि आज 08 अगस्त का दिन ऐतिहासिक है क्योंकि आज ही के दिन अंग्रेजों भारत छोड़ो आन्दोलन की शुरुआत हुई थी और आज ही आपके शहर गुना में यह समरसता यात्रा पहुँची है। यह समरसता ही है जिसके कारण ये आन्दोलन सफल हुआ क्योंकि यहाँ सभी भारतीय जातिभेद भूल कर एक लक्ष्य देश की स्वतंत्रता के लिए जी जान से कार्य कर रहे थे। ऐसे ही समरसता के शिखर संत के मंदिर निर्माण के लिए यह यात्रा प्रदेश स्तर पर निकली है। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए लाल सिंह आर्य – राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुसूचित जाति मोर्चा एवं सम्पूर्ण यात्रा के प्रदेश के प्रभारी, अध्यक्ष बांस एवं शिल्प बोर्ड घनश्याम पिरोनिया ने भी अपनी बात रखी। इसके पश्चात यात्रा आगे रूठियाई से विकासखंड राघौगढ़ और चांचौड़ा के लिए प्रस्थान कर गयी।
जबलपुर
बालाघाट से 25 जुलाई को प्रारंभ हुई रूट क्रमांक 4 की समरसता यात्रा ने 8 अगस्त को जबलपुर में समरसता का संदेश दिया।
जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र जामदार, विधायक अशोक रोहाणी, महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद महाराज और परमपूज्य छिपेश्वर महाराज ने जन संवाद कार्यक्रम को संबोधित किया
उपाध्यक्ष डॉ.जामदार मंगलवार को जबलपुर में संत शिरोमणि रविदास मंदिर निर्माण हेतु निकाली गई समरसता यात्रा के जन संवाद कार्यक्रम को संबोधित किया। समरसता रैली में विधायक अशोक रोहाणी, पूर्व विधायक अंचल सोनकर, महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद महाराज जी, परमपूज्य छिपेश्वर महाराज, संत शंकर शिरोमणि गोपीनाथ जी, हरिदास महाराज, समरसता यात्रा के संभागीय प्रभारी प्रवीण मेश्राम, सहित विशाल जन समुदाय उपस्थित था।
संत शिरोमणि रविदास जी के मंदिर निर्माण के लिये निकाली गई समरसता यात्रा मंगलवार को घमापुर से प्रारंभ हुई। संत रविदास जी के चरण-पादुका का पूजन कर समरसता यात्रा रवाना हुई। समरसता यात्रा का बड़ी खेरमाई, दुर्गा चौक, मथुरा की बाड़ी, चुंगी चौक, कांचघर, सिंधी केंप से सिद्ध बाबा, शंकर मंदिर, झामनदास से बब्बादेवी, शीतलामाई, राम मंदिर, सतपुता, गोकलपुर, रांझी, बापू नगर, आमनाला, सरस्वती शिशु मंदिर बड़ा पत्थर में भव्य स्वागत किया गया। श्रद्धालुओं ने भक्ति,भजन व लोक गीत गाकर नृत्यों की प्रस्तुति दी। विधायक अशोक रोहाणी एवं महामंडलेश्वर अखिलेश्वरानंद महाराज ने जन संवाद कार्यक्रम को संबोधित किया।
निवाड़ी
सिंगरौली से 26 जुलाई को प्रारंभ हुई रूट क्रमांक 5 की समरसता यात्रा ने 8 अगस्त को टीकमगढ़ पहुँची। समरसता यात्राओं में से रूट क्रमांक 5 की समरसता यात्रा का आज टीकमगढ़ जिले में दूसरे दिन विभिन्न स्थानों पर स्वागत तथा जन-संवाद कार्यक्रम आयोजित किये। समरसता यात्रा आज सर्वप्रथम चकरा तिगैला टीकमगढ़ से प्रारंभ होकर सर्किट हाउस पहुँची, जहाँ जन-प्रतिनिधियों तथा नागरिकों द्वारा यात्रा का स्वागत किया गया। इसके बाद शहर के मुख्य मार्गों से होते हुये राजमहल पहुँची। जहाँ पर टीकमगढ़ विधायक राकेश गिरि गोस्वामी, जन-प्रतिनिधियों की उपस्थिति में जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया।
टीकमगढ़ शहर से होते हुये समरसता यात्रा जतारा, पलेरा खरगापुर होते हुये बल्देवगढ़ तक निकाली गई। बल्देवगढ़ में यात्रा को विश्राम दिया गया। 9 अगस्त को बल्देवगढ़ से प्रारंभ होकर बड़ागांव धसान होते हुये समरसता यात्रा छतरपुर जिले के लिये प्रवेष करेगी।
9 अगस्त की समरसता यात्रा का रूट
नीमच से प्रारंभ प्रथम रूट की समरसता यात्रा 16वें दिन 9 अगस्त को सीहोर, द्वितीय रूट की धार से प्रारंभ यात्रा नर्मदापुरम्, तृतीय रूट की श्योपुर से प्रारंभ यात्रा अशोकनगर, चतुर्थ रूट की बालाघाट से प्रारंभ यात्रा जबलपुर और कटनी एवं पाँचवें रूट की सिंगरौली से प्रारंभ यात्रा टीकमगढ़ में संत रविदास के संदेशों को जन-जन तक पहुँचायेगी।