September 29, 2024

उत्तर कोरियाई ने सैन्य क्षमता को बढ़ाने के लिए आदेश पर किए हस्ताक्षर

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प्योंगयांग
 उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने कोरियाई प्रायद्वीप पर सैन्य क्षमता को और अधिक मजबूत बनाने के लिए एक लिखित आदेश पर हस्ताक्षर किए हैं। राज्य संचालित कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (केसीएनए) ने  यह जानकारी दी।
रिपोर्ट में बताया गया कि नेता ने उत्तर कोरिया की वर्कर्स पार्टी के केंद्रीय सैन्य आयोग की एक विस्तृत बैठक में‘कोरियाई प्रायद्वीप में व्याप्त गंभीर राजनीतिक और सैन्य स्थिति को देखते हुए युद्ध के लिए सेना को और अधिक मजबूत बनाने’ के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए निर्देशित किया है।

केसीएनए ने बताया कि बैठक में कोरियाई प्रायद्वीप और उसके आसपास की मौजूदा स्थितियों का विश्लेषण किया गया। जिसके बाद, दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूर्ण युद्ध की तैयारी करने का निर्णय लिया गया।

बैठक के दौरान, नेता ने प्योंगयांग के खिलाफ बल प्रयोग के संभावित प्रयासों को रोकने के लिए और अधिक मजबूत सेना तैयार करने के लिए‘आक्रामक तरीके से कोरियाई पीपुल्स आर्मी (केपीए) की युद्ध तैयारियों को और आगे बढ़ाने’ के लिए लिखित आदेश पर हस्ताक्षर किए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि किम ने यह भी आदेश दिया कि युद्ध सामग्री निर्माण संयंत्र ‘विभिन्न हथियारों और उपकरणों के बड़े पैमाने पर उत्पादन को आगे बढ़ाएं’और हथियारों की उत्पादन क्षमता का विस्तार किया जाये।

किशिदा कर सकते हैं सितंबर में मंत्रिमंडल में फेरबदल

टोक्यो
जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा 11 से 13 सितंबर के बीच मंत्रिमंडल में फेरबदल कर सकते हैं। ‘योमीउरी शिंबुन’ अखबार ने सूत्रों के हवाले से खबर दी है। रिपोर्ट के अनुसार किशिदा ने सितंबर के शुरुआती हफ्तों में फेरबदल करने के लिए प्रासंगिक समन्वय शुरू कर दिया है। किशिदा के दो अंतरराष्ट्रीय आयोजनों चार से सात सितंबर को इंडोनेशिया में आसियान और नौ से 10 सितंबर को भारत में जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद मंत्रिमंडल में यह फेरबदल किया जाएगा।

सूत्रों ने अखबार को बताया कि 11 सितंबर को नये मंत्रियों की नियुक्ति हो सकती हैं और उपमंत्रियों के लिए उम्मीदवारों का चयन 13 सितंबर तक किया जाएगा। सरकार इस उपाय के तहत नये मंत्रिमंडल गठित करके उसकी गिर रही रेटिंग बढ़ाने का प्रयास करेगी। सरकार की गिर रही रेटिंग के कारण किशिदा को शीघ्र संसदीय चुनाव का विचार त्यागने पर मजबूर होना पड़ा।

 

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