November 27, 2024

पटना में गंगा खतरे के निशान के पार, निचले इलाके डूबे; 9 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी

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पटना  

बिहार पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। पटना में गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। इधर भारी बारिश के बीच गंजा का जलस्तर बढ़ जाने से  निचले इलाके डू गए हैं। इसे देखते हुए सभी स्लुइस गेट को बंद करने का निर्णय लिया गया है। दूसरी ओर नेपाल में भारी बारिश के कारण उत्तर बिहार की कई नदियां उफान पर है। सीतामढ़ी, शिवहर मुजफ्फरपुर से बहने वाली बागमति नदी भी उफान पर है जिससे मुजफ्फरपुर के औराई और कटरा में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कटरा में सैंकड़ों गांव बाढ़ से घिर गए हैं।

राजधानी पटना में गंगा नदी का जलस्तर बढ़ने से शहर के किनारे रिवर फ्रंट पर पानी पहुंच गया है। शहर में पानी न फैले इसके लिए नगर निगम क्षेत्र के सभी स्लुइस गेट बंद किए करने का निर्णय लिया गया है। गंगा नदी पटना के गांधी घाट पर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है। यहां खतरे के निशान का मानक 48.60 सेंटीमीटर है जिसे नदी की धारा पार कर गई है। पुनपुन नदी का भी जलस्तर भी बढ़ रहा है।

गंगा किनारे बने हैं पांच स्लुइस गेट निगम क्षेत्र में गंगा किनारे पांच स्लुइस गेट हैं। इनमें कुर्जी, गोसाइटोला, मंदिरी, काली घाट के नजदीक और अंटा घाट हैं। ये बड़े और छोटे स्लुइस गेट हैं। इन सभी जगह पंप से पानी गंगा में डाला जा रहा है। वहीं बादशाही पइन के जरिए दक्षिणी पटना का पानी पुनपुन नदी में जाता हैं। पुनपुन का भी जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। यहां पर भी स्लुइस गेट को बंद किया जाएगा। यहां लगे सभी पंप लगातार चलाए जा रहे हैं। पंप के जरिए पुनपुन में पानी भेजा जा रहा है। नदियों का जलस्तर बढ़ने पर स्लुइस गेट बंद कर दिए जाते हैं। ऐसा नहीं करने पर शहर का पानी निकलने की जगह नदी का पानी नाले के रास्ते बड़े इलाके में फैल सकता है।

निगम क्षेत्र के सीवरेज और ड्रेनेज के जरिए गंगा और पुनपुन में बड़े नालों के माध्यम से पहुंचने वाले पानी को पंप के जरिए नदियों में डाला जा रहा है। दीघा नहर से लेकर बादशाही नहर तक अतिरिक्त पंप लगाया गया है। स्लुइस गेट को इस लिए बंद किया जाएगा ताकि जलस्तर बढ़ने से कहीं गंगा या पुनपुन का पानी वापस नाला के जरिए शहर में नहीं आए। वहीं शहर के सीवरेज और नालों के पानी को पंप के जरिए निकाला जा रहा है।

गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए पटना के छह प्रखंडों के लगभग 50 गांवों पर भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। इसे देखते हुए इन सभी गांवों को अलर्ट कर दिया गया है। बाढ़ की आशंका के मद्देनजर राहत सामग्री तैयार की जा रही है, जहां शरणस्थली बनाई गई है वहां प्रशासन की पूरी तैयारी है। माना जा रहा है कि हालात ऐसे ही रहे तो शनिवार को स्थिति और भी खराब हो जाएगी। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी एक्टिव हो गए हैं।

नदियों में उफान के बीच  राजधानी समेत प्रदेश में मानसून काफी सक्रिय है। मौसमविदों के मुताबिक दक्षिण पश्चिम मानसून का प्रभाव 14 अगस्त तक सूबे में बने रहने का पूर्वानुमान है। शुक्रवार को पटना समेत जहानाबाद, गया, औरंगाबाद में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। जबकि पश्चिम चंपारण, किशनगंज, कैमूर, बक्सर, रोहतास में अतिभारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट है।

 

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