September 30, 2024

नहीं मान रहे नेता संदीप दीक्षित, AAP को कहा भ्रष्टाचारी, मुंह पर कालिख कैसे पोते..

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 नईदिल्लीं

 कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने एकबार फिर से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया केजरीवाल अपने राज्य में जारी भ्रष्टाचार पर कोई चर्चा नहीं करते हैं वो केवल अपने मुद्दों को लेकर विधानसभा में चर्चा करते हैं। साथ ही, उन्होंने अलका लांबा का समर्थन करते हुए कहा कि हम तो सभी 7 सीटों पर तैयारी करेंगे तभी तो किसी गठबंधन साथी की मदद कर पाएंगे। दीक्षित ने केजरीवाल पर आरोप लगाया कि वो केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर I.N.D.I.A. गठबंधन से भागने की तैयारी में जुटे हैं।दिल्ली की सातों सीटों पर कांग्रेस की तैयारी को लेकर उपजे विवाद के बाद से दोनों दल एक दूसरे पर हमलावर हैं। पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने एक बार फिर दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी पर अविश्वास जाहिर करते हुए नासमझ और भ्रष्टाचारी तक कह दिया है।  

दिल्ली के मुद्दों पर चर्चा ही नहीं

दीक्षित ने आप पर हमला बोलते हुए कहा कि ये कभी दिल्ली के मुद्दों पर विधानसभा में कभी चर्चा नहीं करते हैं। उन्होंने दिल्ली के मुद्दों पर चर्चा कराने की बीजेपी की मांग को सही ठहराते हुए कहा कि ये बात तो बीजेपी की बिल्कुल सही है। उन्होंने सीएम अरविंद केजरीवाल का बिना नाम लिए कहा कि इस आदमी में हिम्मत नहीं है, आखिर कोई अपनी मुंह पर कालिख कैसे पोते?

मोदी और केजरीवाल की कर दी तुलना

दीक्षित ने कहा कि हम तो बार-बार कहते हैं कि जो राजनीतिक प्रथा, जो राजनीतिक समझ और जो संसद का सम्मान मोदी करते हैं उतना ही दिल्ली विधानसभा का सम्मान ये करते हैं। उन्होंने केजरीवाल पर हमला करते हुए कहा कि ये आदमी केवल अपने स्वार्थ के लिए अपनी विषयों की चर्चा के लिए ही दिल्ली विधानसभा का इस्तेमाल करते हैं। ये टॉलरेंस की बात करते हैं और आपसे बीजेपी के 4-5 विधायक बर्दाश्त नहीं होते हैं। उनको निकालकर बाहर करवा देते हैं। शीला ने 15 साल शासन किया था, एकबार शायद कभी विधायकों को बाहर निकाला गया था। उस दौर में 25-30 प्रभावी बीजेपी के विधायक होते थे।

दिल्ली में 7 सीटों पर तैयारी पर कह दी मन की बात

जब दीक्षित से दिल्ली की सभी सात सीटों पर कांग्रेस की तैयारी को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इसपर तो विवाद की कोई जरूरत ही नहीं है। हमकों सातों सीटों पर तैयारी करनी ही चाहिए। गठबंधन तो जब तय हो तब तय होगा। उन्होंने कहा कि अगर अलायंस भी तय होगा तो दूसरी सीट पर हमारी तैयारी नहीं हो तो हम पार्टनर की मदद कैसे करेंगे? लोकसभा चुनाव क्या दो दिन में लड़ा जाता है। वो बेवकूफ हैं, कम समझते हैं, जिंदगी में सच सुनने की आदत नहीं है सच और झूठ में अंतर नहीं आता। उन्होंने आरोप लगाया कि जिसने कभी सच बोला ही नहीं है वो कैसे इस बात को स्वीकार करेगा। जिस स्तर आप रही है वो कांग्रेस के स्तर नहीं समझती है। यह पूछने पर कि आप ने इंडिया गठबंधन से अलग होने की धमकी दी है तो दीक्षित ने कहा कि हो सकता है कि उनको वो बहाना मिल गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अमित शाह उन्हें इशारा मिल गया था, इसलिए वो कुछ तो करेंगे। हम सभी सीटों पर तैयारी करेंगे। वो माहौल तैयार कर रहे हैं अगर भागना होगा तो भाग लेंगे, अमित शाह ने कह दिया कि ये भागेंगे तो वो करेंगे।

उन्होंने कहा, 'हमारे यहां एक प्रथा है कि सेंट्रल लीडरशिप तय करती है। राज्य के लोगों से बात करेगी। जब समय आएगा तब बात होगी। अभी इंडिया गठबंधन बना है। उसमें कुछ दल आए हैं जब बातचीत होगी तो राज्यवार होगा कि गुजरात, मध्य प्रदेश, दिल्ली में क्या होगा। जिसके साथ भी गठबंध का फैसला हमारी सेंट्रल लीडरशिप करती है, यदि करना चाहिए तो कितनी सीटों पर करना चाहिए यह तब तय होगा। अभी ना इस पर कोई चर्चा हुई है ना फैसला हुआ है।'

मुंबई में होने जा रही इंडिया गठबंधन की अगली बैठक में आप के शामिल होने को लेकर पूछे गए सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा, 'वो शामिल हो या ना हों, मैं तो बार बार कहता हूं कि वे निर्थक हैं। उनका कोई अर्थ तो है नहीं। 6-7 सीटें दिल्ली में हैं जहां वे प्रभाव रखते हैं। 542 सीटों में वे एक पर्सेंट सीटों पर प्रभाव रखते हैं। अब आएं या ना आएं वो जाने। ऐसे भी हम लोग कह रहे थे कि राज्यसभा में वोटिंग के बाद आम आदमी पार्टी भागने का रास्ता ढूंढेगी। आपको याद होगा कि अमित शाह ने संसद में कहा था कि आम आदमी पार्टी हट जाएगी गठबंधन से। हो सकता है कि केजरीवाल उनकी सुन रहे हो। अक्सर उनसे ही तो निर्देश मिलता है।'

पहले भी 'आप' और इसके राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल पर हमलावर रहे संदीप दीक्षित ने एक बार फिर जमकर कोसा। उन्होंने कहा कि यह पार्टी भरोसे के लायक नहीं है। उन्होंने कहा, 'इस पार्टी (आप) पर हम विश्वास नहीं कर सकते हैं। इसकी राजनीति बहुत गलत और घटिया है, इसमें भ्रष्टाचार है, शिष्टाचार नहीं। झूठ बोलने की आदत है। राष्ट्रवाद को गलत तरीके से इस्तेमाल करने की आदत है। आर्थिक नीतियों में विकास नहीं दिखता, मुफ्तखोरी की राजनीति है। चोरी चकारी भरी हुई है। अर्नगल बयानों की बात है, हमेशा झूठ बोलने की तैयारी है।'

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