पिथौरागढ़: सात हजार फिट की ऊंचाई पर कठोर चट्टानों को काटकर बनाया सरोवर
पिथौरागढ़
सीमांत जिले पिथौरागढ़ में वन विभाग ने सात हजार फिट की ऊंचाई पर थलकेदार में कठोर चट्टानों को काटकर अमृत सरोवर (Amrit Sarovar) तैयार कर लिया है। ग्रीष्म काल में इस सरोवर का जल वन्यजीवों के लिए किसी अमृत से कम नहीं होगा।
थलकेदार क्षेत्र में है पानी की कमी
पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से 20 किमी दूर थलकेदार क्षेत्र नैसर्गिक रूप से जिले के सबसे रमणीक स्थलों में से एक है। भगवान शिव की कही जाने वाली इस भूमि पर चारों से घने जंगल हैं। लेकिन इस क्षेत्र मेंं पानी की कमी है।
पानी के लिए आबादी में पहुंच जाते थे वन्यजीव
जंगली जानवर पानी की कमी के चलते ग्रीष्म काल में मानव बस्तियों के आसपास भी पहुंच जाते हैं। इसे देखते हुए वन विभाग ने आरक्षित वन क्षेत्र में सरोवर बनाने का निर्णय लिया।
कठोर चट्टान को काटकर तैयार किया गया सरोवर
सराेवर के लिए पेड़ नहीं काटे जा सकते थे ऐसे में सात हजार फीट की ऊंचाई पर एक कठोर चट्टान को काटकर सरोवर बनाया गया। समीप स्थित एक छोटे से प्राकृतिक जल स्रोत के पानी को सरोवर से जोड़ा गया। जिससे पानी बेकार न बहकर सरोवर में एकत्र होगा। इसके साथ ही वर्षा जल का संचय भी इसमें हो सकेगा।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के पौत्र की मौजूदगी में उद्घाटन
15 अगस्त को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कालू सिंह के पौत्र ललित मोहन की मौजूदगी में जिला पंचायत उपाध्यक्ष कोमल मेहता ने सरोवर का उद्घाटन किया। वन क्षेत्राधिकारी दिनेश जोशी ने बताया कि इतनी ऊंचाई पर सरोवर का बनाना एक उपलब्धि है।
उत्तराखंड में बन रहे हैं 1271 सरोवर
पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड ने जल संरक्षण के मद्देनजर मिशन अमृत सरोवर योजना को हाथों हाथ लिया है। राज्य के सभी 13 जिलों के लिए तय 975 के लक्ष्य के सापेक्ष 1271 सरोवर के लिए स्थल चयन किया गया है। इनमें से 545 अमृत सरोवर पर तेजी से कार्य चल रहा है। शेष अमृत सरोवर भी शीघ्र तैयार कर लिए जाएंगे। इस संबंध में मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने संबंधित विभागों को निर्देश जारी किए हैं।