नीतीश-तेजस्वी कैबिनेट की पहली बैठक में 10 लाख नौकरियों पर चर्चा तक नहीं, CM तक का है वादा
पटना।
बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री के रूप में पदभार संभाला। उन्होंने भाजपा पर यह सवाल करने के लिए पलटवार किया कि वह राज्य के बेरोजगार युवाओं को अब 10 लाख सरकारी नौकरी कैसे देंगे। तेजस्वी यादव ने 2020 के विधानसभा चुनाव के दौरान पहली मीटिंग में दस लाख नौकरी देने का वादा बिहार की जनता के साथ किया था। हालांकि, हालांकि, बतौर डिप्टी सीएम नई सरकार की उनकी पहली कैबिनेट बैठक में इस विषय पर कोी चर्चा नहीं हुई।
तेजस्वी यादव ने 2020 के विधानसभा चुनाव में वादा किया था कि एक बार सत्ता में आने के बाद वह पहली कैबिनेट बैठक के दौरान पहले हस्ताक्षर के साथ 10 लाख सरकारी नौकरी देंगे। बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने भाजपा को 'जुमला' पार्टी करार देते हुए इस बात को दोहराया कि वह 2020 में किए गए चुनावी वादों को पूरा करेंगे।
तेजस्वी यादव ने कहा, "हम अपने सभी वादे नीतीश कुमार के नेतृत्व में निभाएंगे। मुख्यमंत्री ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान कहा कि यह होना तय था। मीडिया ने भाजपा से कभी नहीं पूछा कि उसने 19 लाख नौकरियां देने के अपने वादे को पूरा क्यों नहीं किया।"
बिहार की सत्ता से बेदखल होने के बाद भाजपा ने तेजस्वी यादव को घेर लिया और सवाल पूछा है कि राजद नेता 10 लाख सरकारी नौकरियां प्रदान करने के अपने चुनावी वादे को कैसे पूरा करेंगे। अब तो वह सत्ता में हैं। वहीं, दूसरी ओर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान एक कदम आगे बढ़ते हुए घोषणा की कि सरकार बिहार के बेरोजगार युवाओं को 20 लाख नौकरी और रोजगार प्रदान करेगी।