हिमाचल प्रदेश में रातभर बारिश ने बढ़ाई मुश्किलें, कुल्लू-मंडी NH पर फंसे 700 वाहन
कुल्लू
हिमाचल प्रदेश में रात भर हुई भारी बारिश के बाद मंगलवार को पंडोह डैम में जलस्तर बढ़ने से कुल्लू-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवागमन बाधित हो गया है। इससे एनएच पर करीब 700 वाहन फंस गए और वहां गाड़ियों की लंबी कतार लग गई। आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र के अनुसार, भूस्खलन और बाढ़ से राज्य में तीन राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 280 से अधिक सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं। मंडी में सर्वाधिक 162, शिमला में 31 और कुल्लू में 25 सड़कें अवरुद्ध हैं।
मंडी की पुलिस अधीक्षक सौम्या साम्बाशिवन ने कहा कि हाल ही में हुए भूस्खलन में मुख्य राजमार्ग के क्षतिग्रस्त होने के बाद एक अस्थायी लिंक रोड बनाया गया था लेकिन वह भी बाधित हो गया है। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने पंडोह से 9 मील दूर ही वाहनों को रोक दिया गया है और यातायात को कमांद-बजौरा मार्ग की तरफ डायवर्ट कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि राजमार्ग के वैकल्पिक मार्ग पर यातायात की बहाली मौसम के मिजाज पर निर्भर करेगी।
इस बीच, मंडी के उपायुक्त अरिंदम चौधरी ने आदेश दिया है कि मरम्मत के लिए मंडी-कुल्लू राजमार्ग को प्रतिदिन तीन घंटे यातायात के लिए बंद रखा जाए। उन्होंने कहा, “इस मानसून में, क्षेत्र में बादल फटने और भूस्खलन होने के कारण मंडी-कुल्लू राजमार्ग 6-मील और 9-मील के बीच बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। यह राजमार्ग मरम्मत के लिए प्रतिदिन सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक बंद रहेगा।”
इधर, सोलन जिले के बरोटीवाला क्षेत्र के माजरी गांव में घरों में दरारें आने से 17 परिवार बेघर हो गए। कटल पकोटी गांव में भी मकानों में दरारें आ गई हैं। ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है, जबकि प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है।
मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों में राज्य में भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। शिमला मौसम केंद्र के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने कहा कि मंगलवार को राज्य भर में येलो अलर्ट जारी किया गया है, जबकि बुधवार और गुरुवार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। भारी वर्षा से राज्य में भूस्खलन की घटनाएं और बढ़ सकती हैं। अचानक बाढ़ आने की भी आशंका है, इससे सड़कें अवरुद्ध हो सकती हैं और आवश्यक सेवाएं बाधित हो सकती हैं। लोगों को भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।
इस मानसून सीजन में अत्यधिक बारिश से आई बाढ़ और भूस्खलन से राज्य को ₹8,099.46 करोड़ का नुकसान हुआ है, जबकि लोक निर्माण विभाग को अकेले ₹2,712 करोड़ का नुकसान हुआ है। जल शक्ति विभाग ने अपना घाटा ₹1,860.52 करोड़ और राज्य बिजली बोर्ड ने ₹1,707 करोड़ आंका है। राज्य में आपदा से मरने वालों की संख्या बढ़कर 346 हो गई है, जबकि 2,216 घर क्षतिग्रस्त हो गए और 9,819 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।