November 15, 2024

केजरीवाल सरकार का एक और बंगला विवाद, मुख्यमंत्री के PS का छिनेगा ‘बड़ा घर’

0

नई दिल्ली

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार से जुड़ा एक और बंगला विवाद खड़ा हो गया है। विजिलेंस निदेशालय ने पीडब्ल्यूडी विभाग से कहा है कि 'हाउस अलाउटमेंट रूल्स' का सही से पालन किया जाए और जो जिसके लिए हकदार है उसी श्रेणी का बंगला दिया जाए। विजिलेंस ने कहा है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्राइवेट सेक्रेट्री बिभव कुमार को मौजूदा समय में 'अवैध तरीके से' मिले टाइप-6 बंगले को रद्द करके टाइप-4 का बंगला आवंटित किया जाए।  रिपोर्ट के मुताबिक, विजिलेंस डिपार्टमेंट ने कहा है कि  'दिल्ली अलॉटमेंट ऑफ गवर्नमेंट रेजिडेंस, जनरल हाउजिंग पूल' नियमों का उल्लंघन करते हुए कुमार को टाइप-6 बंगला दिया गया है, जबकि वह टाइप-4 बंगला पाने के हकदार हैं। विभाग ने बुधवार को पीडब्ल्यूडी सचिव को भी इस पर लेटर लिखा। लेटर के मुताबिक बिभव कुमार को पहले टाइप-5 बंगला दिया गया था। बाद में उन्हें टाइप-6 बंगला दे दिया गया।

लेटर में कहा गया है कि बिभव कुमार को मिला टाइप-5 बंगला 'अलॉटमेंट रूल्स के रूल (20) डी' के मुताबिक नहीं था। पीडब्ल्यूडी के सचिव ने 18 अगस्त 2016 को और बड़े बंगला आवंटित करने के लिए एलजी से मंजूरी मांगी थी। एलजी ने जवाब में नियम के मुताबिक ऐक्शन लेने को कहा था। बाद में कुमार को दिल्ली जल बोर्ड का टाइप-6 बंगला दे दिया गया, जबकि वह निकाय के पेरोल पर नहीं हैं। विजिलेंस विभाग ने कहा है कि एलजी ने टाइप-5 बंगले को भी मंजूरी नहीं दी थी। लेकिन अब उन्हें टाइप-6 बंगला दिया गया है, जोकि नियमों के खिलाफ है। विजिलेंस ने इस बंगले का आवंटन रद्द करते हुए टाइप-4 बंगला देने को कहा है। दिल्ली सरकार की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

यह विवाद ऐसे समय पर सामने आया है जब खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले को लेकर जांच चल रही है। बीजेपी और कांग्रेस की ओर से आरोप लगाया गया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने गलत तरीके से अपने सरकारी आवास पर करोड़ों रुपए खर्च किए, जबकि वह सत्ता में आने से पहले छोटे घर में रहने की बात कहते थे। भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि इसमें लाखों के पर्दे और करोड़ों के टाइल्स लगाए गए। दिल्ली सरकार ने दलील दी थी कि मुख्यमंत्री का सरकारी आवास काफी पुराना हो गया था और यह टूट-टूटकर गिर रहा था, इसलिए उसकी मरम्मत कराई गई।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *