November 28, 2024

प्रज्ञानानंद कार्लसन से टाई-ब्रेकर मे हारे, हारकर भी रचा इतिहास

0

नॉर्वे
नॉर्वे के पांच बार के विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन ने फिडे विश्व कप फाइनल के पहले टाईब्रेकर में भारत के 18 वर्षीय ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञानानंदा को हराकर खिताब अपने नाम कर लिया है। फाइनल में पहले दो राउंड में नजीता नहीं निकला और ये दोनों गेम ड्रॉ पर समाप्त हुए।विश्व कप के विजेता का फैसला गुरुवार को टाईब्रेकर के जरिए हुआ, जहां 25 मिनट के पहले रैपिड गेम में कार्लसन ने बाजी मारी है। दूसरा गेम ड्रॉ पर समाप्त हुआ और मैग्नस कार्लसन 2021 के बाद पहली बार विश्व कप जीतने में कामयाब हुए।

भारत के 18 साल के प्रज्ञानानंदा ने सोमवार को सेमीफाइनल में टाईब्रेक के जरिए दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फाबियानो करूआना को हराया था और फाइनल में जगह बनाई थी। गौरतलब है कि प्रज्ञानानंद ने कैंडिडेट्स टूर्नामेंट 2024 में अपना स्थान पक्का कर लिया है। वह कार्लसन और बॉबी फिशर के बाद इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में पहुंचने वाले तीसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए। वह विश्वनाथन आनंद के बाद कैंडिडेट्स में खेलने वाले दूसरे भारतीय होंगे। वह विश्व कप फाइनल खेलने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी भी हैं।   

ता दें कि तीन दिन तक चले फाइनल मुकाबले में 4 बाजियों के बाद नतीजा निकला. 18 साल के प्रज्ञानंद ने शुरुआती दोनों बाजियों में 32 साल के कार्लसन को कड़ी टक्कर दी. दोनों के बीच मंगलवार को पहली बाजी खेली गई, जो 34 चालों तक गई थी, मगर नतीजा नहीं निकल सका.

इस तरह फाइनल में कार्लसन ने जीता खिताब

जबकि दूसरी बाजी बुधवार को खेली गई. इस बार दोनों के बीच 30 चालें चली गईं और यह भी ड्रॉ पर खत्म हुई. शुरुआती दोनों बाजी ड्रॉ होने के बाद गुरुवार (24 अगस्त) को टाईब्रेकर से नतीजा निकला. टाईब्रेकर के तहत प्रज्ञानंद और कार्लसन के बीच 2 बाजियां खेली गईं.

दोनों के बीच पहला टाई ब्रेकर गेम 47 चाल तक गया. इसमें भारतीय ग्रैंडमास्टर प्रज्ञानंद को शिकस्त मिली थी. मगर दूसरे गेम में उनसे उम्मीदें थीं, लेकिन वहां भी उन्होंने कुछ दमदार प्रदर्शन किया, मगर जीत नहीं सके. दूसरा टाई ब्रेकर गेम ड्रॉ पर खत्म हुआ.

इस तरह कार्लसन ने पहली बार यह खिताब अपने नाम किया है. अब वर्ल्ड कप खिताब जीतने पर उन्हें बतौर इनाम एक लाख 10 हजार अमेरिकी डॉलर मिलेंगे.

विश्वनाथन ये वर्ल्ड कप जीतने वाले अकेले भारतीय

प्रज्ञानंद ने सेमीफाइनल में दुनिया के तीसरे नंबर के खिलाड़ी फाबियानो करूआना को 3.5-2.5 से हराकर उलटफेर करते हुए फाइनल में जगह बनाई थी. प्रज्ञानंद महान खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद के बाद वर्ल्ड कप फाइनल में जगह बनाने वाले सिर्फ दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं. यदि प्रज्ञानंद जीतते तो दूसरे भारतीय होने का इतिहास रच देते.

वैसे विश्वनाथन आनंद भारत के दिग्गज चेस ख‍िलाड़ी रहे हैं. उन्होंने साल 2000 और 2002 में ये वर्ल्ड कप ख‍िताब अपने नाम किया था.

प्रज्ञानंद की सेमीफाइनल में भी ऐत‍िहास‍िक जीत रही थी. दो मैचों की क्लासिकल सीरीज 1-1 से बराबरी पर समाप्त होने के बाद प्रज्ञानंद ने बेहद रोमांचक टाईब्रेकर में अमेरिका के दिग्गज ग्रैंडमास्टर को पछाड़ा था.

10 साल की उम्र में बने इंटरनेशनल मास्टर

प्रज्ञानंद भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर हैं. वह भारत के शतरंज के प्रतिभाशाली खिलाड़ी माने जाते हैं. वो महज 10 साल की उम्र में इंटरनेशनल मास्टर बन गए. ऐसा करने वाले वह उस समय सबसे कम उम्र के थे. वहीं 12 साल की उम्र में प्रज्ञानंद ग्रैंडमास्टर बने. ऐसा करने वाले वह उस समय के दूसरे सबसे कम उम्र के खिलाड़ी थे.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *