अफ्रीका को कृषि के लिए अपनाने से खाद्य पारिस्थितिकी तंत्र बदल सकता है: सुनील मित्तल
नई दिल्ली
बी20 इंडिया एक्शन काउंसिल ऑन अफ्रिकन काउंसिल के प्रमुख सुनील भारती मित्तल ने खाद्य उत्पादन में चल रहे वैश्विक संकट की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि कृषि के लिए अफ्रीका का रुख करन से दुनिया और खाद्य पारिस्थितिकी तंत्र में बदलाव आ सकता है।
मित्तल ने कहा कि अफ्रीकी आर्थिक एकीकरण गति पकड़ रहा है और उम्मीद जतायी कि अफ्रीका संघ जल्द ही जी20 का स्थायी सदस्य बन जाएगा। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जी20 में अफ्रीकी का पक्ष ''बेहद महत्वपूर्ण'' है।
बी20 समिट इंडिया 2023 को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया की 60 प्रतिशत कृषि योग्य और अभी तक बंजर पड़ी भूमि अफ्रीका में है…आज हम सभी ने देखा है कि दुनिया खाद्य उत्पादन संकट से गुजर रहा है…कृषि के लिए अफ्रीका का रुख करने से शायद कुछ मूल्य वर्धित कृषि हो और पूरी दुनिया बदल जाए।'' बिजनेस 20 (बी20) वैश्विक कारोबारी समुदाय के लिए जी20 का आधिकारिक चर्चा मंच है।
बी20 डिजिटल कार्यबल ने एमएसएमई के लिए आसान वित्त, साइबर सुरक्षा मानदंडों के सामंजस्य की सिफारिश की
नई दिल्ली
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को उनके डिजिटल बदलाव को सुविधाजनक बनाने और जी20 देशों में साइबर सुरक्षा ढांचे को सुसंगत बनाने के लिए आसानी से वित्त मुहैया कराया जाना चाहिए। बी20 समूह के एक कार्यबल ने इसकी सिफारिश की।
डिजिटल बदलाव पर बी20 इंडिया कार्यबल के सह-अध्यक्ष राजेश गोपीनाथन ने कहा कि कार्यबल की सभी सिफारिशें उपयुक्त नीति उपायों के जरिए सरकारों तथा उद्योगों के बीच सहयोगात्मक कार्य के सामान्य विषय के तहत तैयार की गई हैं।
गोपीनाथन ने कहा, ‘‘मुख्य सिफारिश (उद्यम बदलाव पर) यह है कि हम एमएसएमई क्षेत्र को टिकाऊ तथा आसानी से सुलभ वित्त उपलब्ध कराएं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अपनी वृद्धि के लिए डिजिटल बदलाव में निवेश करने में सक्षम हों। साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त तथा क्षेत्र विशिष्ट सक्षम फाउंडेशन मंच तैयार किए जाएं…''
बिजनेस 20 (बी20) वैश्विक कारोबारी समुदाय के लिए जी20 का आधिकारिक चर्चा मंच है। डिजिटल बदलाव पर कार्यबल ने प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र को लेकर विश्वास बढ़ाने के लिए साइबर सुरक्षा मानदंडों को सुसंगत बनाने का आह्वान किया है। कार्यबल ने एक वैश्विक न्यूनतम मानक विकसित करके डिजिटल साक्षरता के माध्यम से समावेशिता को बढ़ावा देने की सिफारिश भी की, जो अंतरराष्ट्रीय कौशल सुवाह्यता की अनुमति देगा।