September 25, 2024

बिहार के इन शिक्षकों को बकाया सैलरी देने का रास्ता साफ, नीतीश सरकार ने जारी किए 251 करोड़

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बिहार  
बिहार के यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों का अटका हुआ वेतन अब जल्द ही मिल जाएगा। नीतीश सरकार ने शिक्षक एवं अन्य स्टाफ की सैलरी के लिए विश्वविद्यालयों को अनुदान के तौर पर 251.56 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इस अनुदान से विश्वविद्यालय अपने कर्मचारियों को बीते दो महीने से बकाया वेतन का भुगतान करेंगे। शिक्षा विभाग की ओर से शुक्रवार देर शाम अनुदान राशि जारी की गई। विभाग की डायरेक्टर रेखा कुमारी ने अपने पत्र में कहा कि विश्वविद्यालयों के कर्मचारियों के लिए वित्त वर्ष 2023-24 के लिए 1132.05 करोड़ रुपये का अनुदान मंजूर हुआ है।

शिक्षा विभाग आने वाले महीनों में बाकी का अनुदान भी समय-समय पर जारी करेगा। पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय को दो महीनों के लिए सबसे अधिक 38.64 करोड़ रुपये का आवंटन मिला है, इसके बाद बीआरए बिहार विश्वविद्यालय (मुजफ्फरपुर) को 31.17 करोड़ रुपये, एलएन मिथिला विश्वविद्यालय (दरभंगा) को 29.98 करोड़ रुपये और मगध विश्वविद्यालय (बोधगया) को 28.90 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है। बता दें कि राज्य के विश्वविद्यालयों के शिक्षक एवं अन्य कर्मचारियों को बीते जून महीने से वेतन नहीं मिला था। सरकार द्वारा राशि जारी करने के बाद अब अगले कुछ दिनों के भीतर उनका बकाया वेतन खाते में जमा कर दिया जाएगा।

राज्य के विश्वविद्यालयों/कॉलेजों और स्कूलों में विलंबित वेतन भुगतान एक पुरानी समस्या है और सरकारी संस्थानों की तरह वेतन का मासिक वितरण सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र अभी तक नहीं बनाया गया है। यहां तक कि पेंशन भुगतान और सेवानिवृत्ति लाभ भी विश्वविद्यालयों में महीनों तक अटके रहते हैं और अदालती मामलों में फंस जाते हैं।

बिहार सरकार ने बुधवार को पेंशन भुगतान के लिए 281.91 करोड़ रुपये का अनुदान भी जारी किया था, लेकिन वीकेएस विश्वविद्यालय (आरा) और एलएन मिथिला विश्वविद्यालय में इससे सिर्फ जून महीने की पेंशन का ही भुगतान हो सका। जबकि अन्य यूनिवर्सिटी में जून और जुलाई दो महीने की पेंशन का भुगतान किया गया है। विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सेवानिवृत्त शिक्षकों और कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति लाभ और पेंशन के लिए, सरकार ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 1230.22 करोड़ रुपये के वार्षिक बजट को मंजूरी दे दी है।
 

फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी टीचर्स एसोसिएशन ऑफ बिहार (FUTAB) के कार्यकारी अध्यक्ष केबी सिन्हा ने कहा कि सेवानिवृत्ति लाभ और पेंशन के भुगतान में देरी से बुजुर्ग शिक्षकों एवं पूर्व कर्मचारियों को बहुत समस्या आती है। इनमें से कई लोगों को महंगे इलाज का खर्च पूरा करना होता है। पेंशन की राशि जारी होने से उन्हें राहत मिली है।

सिन्हा के मुताबिक पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव (शिक्षा) ने पटना हाई कोर्ट को बताया था कि पेंशन और सेवानिवृत्ति लाभों के नियमित भुगतान को सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र पर काम किया जाएगा। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों से इसे सुव्यवस्थित करने को भी कहा था। यह जितनी जल्दी हो जाए, उतना अच्छा होगा। रिटायरमेंट के बाद शिक्षकों को किसी न किसी बहाने अपने वैध बकाये के लिए महीनों तक इंतजार करना पड़ता है। उन्हें इधर-उधर भटकना नहीं चाहिए और बुनियादी आवश्यकताओं के लिए अदालतों का सहारा लेने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।

 

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