November 24, 2024

G20 summit में राष्ट्रपति पुतिन के नहीं आने से भारत को होगा बड़ा फायदा

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नई दिल्ली

भारत की अध्यक्षता में G20 शिखर सम्मेलन की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं के इस समूह की बैठक से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दूरी बनाने का फैसला किया है। हालांकि, प्रतिनिधि के तौर पर कार्यक्रम में रूस की मौजूदगी होगी। अब कहा जा रहा है कि पुतिन का यह फैसला भारत के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। हालांकि, इसकी कई वजह गिनाईं जा रही हैं। राजधानी दिल्ली में 9 सितंबर से सम्मेलन का आगाज हो रहा है।

क्यों शामिल नहीं हो रहे पुतिन?
पुतिन के नहीं आने की एक वजह रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को भी माना जा रहा है। रूस की तरफ से विदेश मंत्री सार्गेई लावरोव बैठक का हिस्सा बनने जा रहे हैं। जबकि, पुतिन वीडियो के जरिए बैठक को संबोधित करेंगे। अब खास बात है कि समूह में शामिल अमेरिका और कई पश्चिमी देश पुतिन पर हमला करने के आरोप लगा चुके हैं। वहीं, भारत समेत कई देश इसपर प्रतिक्रिया देने से दूर हैं।

इसके अलावा पश्चिमी देश वैगनर चीफ येवगेनी प्रिगोझिन की मौत के आरोप भी पुतिन पर लगा रहे हैं। हालांकि, इसे लेकर अब तक कोई सबूत सामने नहीं आया है।

भारत को क्या फायदा?
दरअसल, जी20 की बैठक भारत की अध्यक्षता में हो रही है। अब जब पुतिन बैठक में शामिल नहीं होंगे, तो भारत संभावित धर्मसंकट की स्थिति से बच सकता है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि पुतिन की मौजूदगी जी20 में यूक्रेन मुद्दे को लेकर बंटवारा तक कर सकती थी। अब जब पश्चिमी देश बड़े मंच पर पुतिन को घेरने की कोशिश करते, तो यह भारत के लिए परेशानी वाली स्थिति हो सकती थी।

जी20 को भी नुकसान की आशंका
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अगर पुतिन मीटिंग में शामिल होते, तो इस मुद्दे को लेकर बड़ी बहस भी हो सकती थी, जिसका सीधा असर समूह की एकता पर पड़ने की आशंकाएं बढ़ जाती।

शक्तिशाली है जी20 समूह
इस समूह में दुनिया की 19 बड़ी अर्थव्यवस्थाएं और यूरोपीयन यूनियन इसके सदस्य हैं। यह दुनिया की दो तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। हालांकि, कहा जा रहा है कि यूक्रेन-रूस के युद्ध ने इस समूह पर खासा असर डाला है और सदस्यों की राय बदली-बदली नजर आ रही है। इसके संकेत पहले हुई विदेश मंत्रियों की बैठक में भी मिले थे।

बैठकों से बच रहे हैं पुतिन
कहा जा रहा है कि साल 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से ही पुतिन अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलनों से दूरी बनाते नजर आ रहे हैं। हालांकि, वह सितंबर में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक का हिस्सा बने थे, लेकिन बीते साल दिसंबर में बाली में हुई जी20 समिट से दूरी बना ली थी। साथ ही वह बीते सप्ताह संपन्न हुए ब्रिक्स सम्मेलन में भी शामिल नहीं हुए थे।

 

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