केंद्र ने SC में कहा J&K में कराएगा पहले पंचायत इलेक्शन, फिर होंगे विधानसभा चुनाव
नईदिल्ली
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म करने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को 13वें दिन की सुनवाई हुई।केंद्र सरकार की ओर सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने बताया- हम जम्मू-कश्मीर में कभी भी चुनाव करवाने के लिए तैयार हैं, लेकिन पंचायत और म्यूनिसिपल चुनाव के बाद।
29 अगस्त को हुई 12वें दिन की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा कब तक मिल पाएगा।
इस पर SG मेहता ने कहा- हम इसके लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं बता सकते, लेकिन यह स्पष्ट है कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है।
पिछली सुनवाई में मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था- जम्मू-कश्मीर को अस्थायी तौर पर दो यूनियन टेरिटरी (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांटा गया है।
लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश ही रहेगा, लेकिन जम्मू-कश्मीर को जल्द फिर से राज्य बना दिया जाएगा। वे गुरुवार को इस बारे में पॉजिटिव स्टेटमेंट देंगे।
5 साल में पथराव की घटनाएं शून्य हुईं, घुसपैठ में 90% की कमी
केंद्र सरकार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाने के लिए विकास हो रहा है। सरकार की ओर से SG मेहता ने कोर्ट को बताया कि 2018 से 2023 की तुलना में आतंकवादी घटनाओं में 45.2% की कमी आई है और घुसपैठ में 90% की कमी आई है।
पथराव जैसे कानून और व्यवस्था के मुद्दों में 97% की कमी आई है। सुरक्षाकर्मियों की हताहती में 65% की कमी आई है। 2018 में पथराव की घटनाएं 1,767 थीं, जो 5 साल में अब शून्य हैं। 2018 में संगठित बंद 52 थे और अब यह शून्य है।
फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने पर क्या कहा?
SG ने आगे कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग और केंद्रीय चुनाव आयोग इस बारे में फैसला लेंगे। डिस्ट्रिक्ट डेवलोपमेन्ट काउंसिल के चुनाव पहले ही हो चुके हैं। अब जल्द ही पंचायत चुनाव कराए जाएंगे। लेह हिल डेवलोपमेन्ट कॉउन्सिल के चुनाव हो चुके हैं। कारगिल के ये चुनाव सितंबर में होंगे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में ये भी कहा कि जहां तक जम्मू कश्मीर को फिर से पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का सवाल है, उसकी प्रकिया शुरू हो चुकी है लेकिन इसके लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं बता सकता।
इससे पहले 29 अगस्त को हुई 12वें दिन की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि जम्मू-कश्मीर को कितने समय में दोबारा राज्य का दर्जा मिल पाएगा। इसे लेकर आज केंद्र की तरफ से जवाब दाखिल किया गया है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने पूछा था- राज्य बनाने का टाइमफ्रेम क्या है?
पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि सरकार जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करेगा लेकिन लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश बना रहेगा। केंद्र की तरफ से SG तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वे गुरुवार को इस बारे में पॉजिटिव स्टेटमेंट देंगे। इस दौरान उन्होंने कोर्ट को बताया था कि जम्मू-कश्मीर को अस्थायी तौर पर दो यूनियन टेरिटरी (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांटा गया है। लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश ही रहेगा, लेकिन जम्मू-कश्मीर को जल्द फिर से राज्य बना दिया जाएगा।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 को खत्म करने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से राज्य में चुनावी लोकतंत्र बहाल करने के लिए एक समय सीमा तय करने को कहा था। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि मौजूदा व्यवस्था समाप्त होनी चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को दिया गया केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा कोई स्थायी चीज नहीं है। सरकार ने आज कोर्ट में इस जटिल मुद्दे पर अपनी बात रखी है।
इससे पहले 11 दिन हुई सुनवाई में क्या-क्या हुआ, जानें…
28 अगस्त- CJI बोले- 35A ने गैर-कश्मीरियों के अधिकार छीने
28 अगस्त की सुनवाई में कोर्ट ने आर्टिकल 35A को नागरिकों के अधिकारों का हनन करने वाला आर्टिकल बताया था। CJI ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 35A के तहत जम्मू-कश्मीर के लोगों को विशेषाधिकार मिले थे, लेकिन इसी आर्टिकल के कारण देश के लोगों के तीन बुनियादी अधिकार छीन लिए गए। इस आर्टिकल की वजह से अन्य राज्यों के लोगों के कश्मीर में नौकरी करने, जमीन खरीदने और बसने के अधिकारों का हनन हुआ।