सरकार के फैसले पर HC ने रोक लगाई:सैप के 721 पूर्व सैनिक अभी नौकरी में बने रहेंगे
रांची
झारखंड सरकार की स्पेशल ऑक्जीलियरी पुलिस (सैप) में कार्यरत 721 पूर्व सैनिकों को हटाने के राज्य सरकार के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। सरकार ने 27 अगस्त को सैप वन और टू में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे 721 कर्मचारियों की सेवा 31 अगस्त से समाप्त करने का फैसला लिया था। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में रिट याचिका दायर की गई थी। बुधवार को जस्टिस एसएन पाठक की कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगाते हुए सरकार को शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया।
अब इस मामले की अगली सुनवाई पांच अक्टूबर को होगी। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील अजीत कुमार ने कहा-सैप वन और टू में कुल 2964 पदों में से 1800 पर पूर्व सैनिक कार्यरत हैं। सीसीएल ने राज्य सरकार से 600 पूर्व सैनिकों की सेवा मांगी है। इसके अलावा ईसीएल और बीसीसीएल की ओर से भी करीब 1300 पूर्व सैनिकों की सेवाएं मांगी गई है। सीसीएल ने कहा है कि भारी मात्रा में कोयले की चोरी हो रही है। इसलिए वे पूर्व सैनिकों की सेवाएं लेना चाहते हैं। इसका पूरा खर्च कंपनी वहन करने के लिए तैयार है।
किसी की उम्र 60 साल से ज्यादा नहीं
याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि इनमें से सभी 45 से 59 साल की उम्र के हैं। किसी की भी उम्र 60 के पार नहीं है। ऐसे में उन्हें हटाने का फैसला गलत है। क्योंकि सरकार ने फैसला ले रखा है कि सिपाही के लिए 55 साल और अधिकारी के लिए 62 साल के उम्मीदवार की नियुक्ति की जानी है। सरकार ने पुलिसकर्मियों की सेवानिवृत्ति उम्र भी 60 साल रखी है। यही नहीं, पूर्व सैनिकों के कारण ही राज्य में नक्सल गतिविधियों पर नियंत्रण पाया जा सका है। इनमें कई सैप कर्मियों की मौत भी हुई है। ऐसे में राज्य सरकार का यह फैसला सही नहीं है। इस पर रोक लगाई जानी चाहिए। वहीं राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि इनकी नियुक्ति संविदा पर की गई है, इसलिए अब उन्हें सेवा में बने रहने का कोई हक नहीं है।