November 25, 2024

IAS दिव्या मित्तल की विदाई में मड़ पड़े लोग, गुलाब के फूलों से नहलाकर किया विदा

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मिर्जापुर
 मिर्जापुर जिलाधिकारी के पद से तबादले के बाद आईएएस दिव्या मित्तल की विदाई चर्चा में है. विदाई कार्यक्रम के दौरान भारी संख्या में मौजूद महिलाओं ने महिला आईएएस को गुलाब के फूलों की पंखुड़ियों से नहला दिया.  डीएम की इस विदाई का वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है.

अपने काम करने के तरीके और जनता से जुड़ने के कारण डीएम दिव्या मित्तल जनपद में लोकप्रिय हो गई थीं. विदाई के बाद डीएम ने कहा कि मिर्ज़ापुर का कार्यकाल उनके लिए बेहद यादगार रहा है. मिर्ज़ापुर को कभी नही भूलूंगी. दिव्या मित्तल का ट्रांसफर मिर्जापुर से बस्ती जनपद के लिए हुआ है.

संतकबीरनगर से स्थानांतरण के बाद मिर्जापुर की जिलाधिकारी बनी दिव्या मित्तल ने शुरू से ही जिले की समस्याओं के समाधान के लिए जनता से जुड़ने का प्रयास किया.

 

 

 

 

 

IAS दिव्या मित्तल जनपद के तमाम गांवों में जन चौपाल के जरिए सीधे जनता से जुड़ीं और उनकी समस्यों का समाधान किया. जनता के बीच जाकर उनसे बातचीत करना और उनकी समस्याओं का पता लगाकर उसके समाधान का निर्देश देना उनकी कार्यशैली में शुमार था.

दिव्या मित्तल ने चुनार महोत्सव का आयोजन किया जो बेहद सफल रहा. पहली बार चुनाव किले पर इस तरह का आयोजन किया गया था. जनपद के लोक गीत कहे जाने वाले 'कजली' के नाम पर कजली पार्क बनवाया और कजली महोत्सव का आयोजन किया.

विंध्य कॉरीडोर के निर्माण कार्य में तेजी से कार्य  करवाया. इसके  साथ-साथ शहर के प्रसिद्ध पक्का घाट जाने वाले मार्ग का चौड़ीकरण करवाया. किसानों ने जब बाणसागर नहर से पानी नहीं मिलने की शिकायत की तो डीएम ने अधिकारियों को जमकर फटकार  लगाई थी. इस वाकये का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. वीडियो में DM दिव्या कहती नजर आईं कि मिर्ज़ापुर हमारा है. पहले बाणसागर का पानी यहां के किसानों को मिलेगा, फिर दूसरे जनपद जाएगा.

दिव्या मित्तल ने अपने कार्यकाल के दौरान लालगंज तहसील के ड्रामनगंज पहाड़ी पर स्थित लहुरियादह में पानी की समस्या का समाधान करवाया. यहां पर आजादी के बाद दशकों से पानी के लिए लोग परेशान थे. लोग पानी के लिए पहाड़ी सोखते और टैंकर से होने वाले पानी की सप्लाई पर निर्भर थे. इस समस्या का समाधान दिव्या मित्तल ने अपनी पहल पर करवाया और वहां पर पाइप लाइन से हर घर जल के माध्यम से पानी पहुंचाया.  

जमालपुर ब्लॉक में जब ग्रामीणों ने लेखपाल की शिकायत की तो दिव्या मित्तल ने वहां मौजूद राजस्व कर्मियों को जम कर फटकार लगाई. ग्रामीणों की समस्या का समाधन करवाया. कार्यालय से जाते समय सड़क किनारे खड़े बच्चे को देख कर गाड़ी रोककर उनसे बात करना हो या उनकी समस्या का समाधान करवाना हो, या 'मेरा गांव मेरा गौरव कार्यक्रम' के माध्यम से गांव में जाकर ग्रामीणों की समस्या सुनकर उन्हें फौरी राहत देने के लिए अधिकारियों को निर्देश देना हो, इन सब कार्यों ने दिव्या मित्तल को मिर्ज़ापुर में लोकप्रिय बना दिया. उनकी सरलता और सहजता ही उनके लोप्रियता का कारण थी. इसीलिए उनका ट्रांसफर होने के बाद जनपद से उनकी विदाई अब चर्चा बनी हुई है.

जानिए कौन है दिव्या मित्तल

IAS अधिकारी दिव्या मित्तल मूल रूप से हरियाणा के रेवाड़ी जिले की रहने वाली हैं. प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली में हुई. आईटीआई दिल्ली से बीटेक की डिग्री हासिल की. इसके बाद आईआईएम बेंगलुरु से एमबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद लंदन में नौकरी करने लगीं.

इस बीच, वह अपने पति गगनदीप के साथ वापस भारत आईं. यहां पति गगनदीप साल 2011 में यूपीएससी की परीक्षा पास कर आईएएस बने. उन्होंने दिव्या मित्तल को भी प्रोत्साहित किया. साल 2012 में यूपीएससी की परीक्षा पास करके दिव्या आईपीएस बन गईं. उन्हें गुजरात कैडर मिला. साल 2013 में उन्होंने एक बार फिर से UPSC परीक्षा दी. इस बार आईएएस बनीं और उन्हें यूपी कैडर मिला. संतकबीरनगर और मिर्ज़ापुर जिलाधिकारी रहने के बाद अब उन्हें बस्ती का जिलाधिकारी बनाया गया है.

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