September 24, 2024

कृषि विवि ने अलसी की 17 उन्नत किस्में विकसित कीं : डॉ. चंदेल

0

रायपुर

इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर में भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद एवं इंडियन सोसायटी आफ आइलसीड रिसर्च, हैदराबाद के संयुक्त तत्वावधान में अखिल भारतीय समन्वित कृषि अनुसंधान परियोजना अलसी एवं कुसुम पर दो दिवसीय वार्षिक कार्यशाला का आज यहां समापन हुआ। समापन समारोह के मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल थे।

समापन समारोह की अध्यक्षता भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के सहायक महानिदेशक (दलहन एवं तिलहन) डॉ. संजीव गुप्ता ने की। समापन समारोह को संबोधित करते हुए डॉ. चंदेल ने कहा कि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में अलसी एवं कुसुम परियोजना के तहत काफी अच्छा कार्य किया गया है। परियोजना के अंतर्गत अलसी की 17 नवीन उन्नत प्रजातियां तथा कुसुम की 3 नवीन उन्नत प्रजातियां विकसित की गई है।

उन्होंने इस उपलब्धि के लिए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को बधाई और शुभकामनाएं दी। डॉ. चंदेल ने आशा व्यक्ति की कि इस दो दिवसीय वार्षिक कार्यशाला के दौरान किये गए विचार-मंथन के सार्थक परिणाम प्राप्त होंगे और इनसे भविष्य के अनुसंधान की रूप-रेखा तय की जा सकेगी।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहायक महानिदेश डॉ. संजीव गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि अलसी और कुसुम फसलों पर आयोजित इस दो दिवसीय कार्यशाला के दौरान परियोजना के तहत विगत वर्षां में किये गये कार्यां तथा उपलब्धियों की समीक्षा की गई तथा आगामी वर्ष के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। उन्होंने कार्यशाला के सफल आयोजन के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति तथा समस्त वैज्ञानिकों के प्रति आभार व्यक्त किया। डॉ. गुप्ता इन दोनों फसलों के अन्तर्गत इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में किये जा रहे अनुसंधान कार्यां की सराहना भी की।

इस अवसर पर दलहनी एवं तिलहनी फसलों के अनुसंधान कार्य में विशिष्ट योगदान देने वाले कृषि वैज्ञानिकों को सम्मानित भी किया गया। कार्यशाला में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में अलसी के रेशे से लिनन कपडा निर्माण की प्रौद्योगिकी को भी प्रदर्शित किया गया। इस अवसर पर भारतीय तिलहन अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. आर.के. माथुर, आई.सी.ए.आर.-एन.बी.ए.आई.आर. के निदेशक डॉ. सुशील, एन.आई.बी.एस.एम. बरौंडा के निदेशक डॉ. पी.के. घोष, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान तथा कार्यशाला समन्वयक डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी तथा सह-समन्वयक डॉ. नंदन मेहता, डॉ. राजीव श्रीवास्तव, डॉ. संजय द्विवेदी एवं बी.पी. कतलम भी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed