November 28, 2024

तब से आजम खान को राहत कहां, 6 सालों में 81 मामले दर्ज; सियासत भी है दांव पर

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 नई दिल्ली

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान फिलहाल आयकर विभाग की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं। केंद्रीय एजेंसी ने अल-जौहर ट्रस्ट मामले में यह एक्शन लिया है। हालांकि, खान परिवार पहली बार जांच की आंच का सामना नहीं कर रहा है। खबर है कि बीते करीब 6 सालों में सपा दिग्गज के खिलाफ दर्ज मामलों का ग्राफ लगातार बढ़ा और अब यह 80 के पार पहुंच गया है। इनमें जमीन पर कब्जा, धोखाधड़ी, नफरती भाषण समेत कई केस शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार, खान के खिलाफ करीब 81 केस दर्ज हो चुके हैं। वहीं उनकी पत्नी और पूर्व सांसद तंजीन फातिमा और पूर्व विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ भी कम से कम 40 मामले दर्ज हैं। हालांकि, अभी तीनों ही जमानत पर बाहर हैं। तीनों को जन्म प्रमाण पत्र मामले में फरवरी 2020 में गिरफ्तार किया गया था। उस दौरान तंजीन जेल से दिसंबर 2020, अब्दुल्ला जनवरी 2022 और आजम मई 2022 में बाहर आ गए थे।

फिर शुरू हुईं परेशानियां
अक्टूबर 2022 में सपा दिग्गज को नफरती भाषण मामले में दोषी पाया गया और उन्हें तीन साल की सजा हो गई। यह केस उनके खिलाफ 2019 लोकसभा चुनाव से पहले दर्ज कराया गया था। IPC की धारा 153 ए समेत कई धाराओं ने खान की मुश्किलें बढ़ा दी थीं। अब कोर्ट के फैसले के बाद ही खान को विधायक पद गंवाना पड़ा। हालांकि, इस साल मई में उन्हें नफरती भाषण मामले में बरी कर दिया गया था।खास बात है कि इस साल जुलाई में नफरती भाषण से जुड़े एक अन्य मामले में खान को फिर दो साल की सजा हो गई। शिकायत दर्ज कराई गई थी कि सपा नेता ने कथित तौर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला बोलते हुए भड़काऊ भाषण दिया था।

पिता-पुत्र को फिर जेल
इस साल फरवरी की ही बात है, जब मुरादाबाद कोर्ट ने खान और अब्दुल्ला को 15 साल पुराने मामले में 2 साल की सजा सुनाई थी। उनके खिलाफ वाहन की जांच के दौरान यातायात रोकने का मामला दर्ज किया गया था।

सियासी परेशानियां भी रहीं जारी
रामपुर सदर सीट पर 10 बार जीतने वाले खान को अयोग्य घोषित होने के बाद सीट गंवानी पड़ी। दिसंबर में हुए उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी नेता आकाश सक्सेना ने जीत दर्ज कर ली। उन्होंने खान के ही करीबी माने जाने वाले आसिम रजा को 34 हजार से ज्यादा मतों से हराया था। इधर, बेटे अब्दुल्ला भी विधायक पद पर अयोग्य घोषित हुए और सुआर सीट छोड़नी पड़ी। मई में हुए उपचुनाव में अपना दल  (सोनेलाल) उम्मीदवार शफीक अहमद अंसारी ने सपा प्रत्याशी अनुराधा चौहान को हरा दिया था।

 

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