अदालत की रोक के बाद भी कुरमी आंदोलन शुरू, रेल यातायात पर पड़ेगा असर
जमशेदपुर
कोलकाता हाई कोर्ट से रोक के बाद पश्चिम बंगाल के स्टेशनों पर कुरमी समाज के लोगों ने लाइन जाम नहीं किया। लेकिन ओडिशा में आवंलाजुड़ी स्टेशन के पास 100 से ज्यादा ग्रामीणों ने वीरेंद्र कुमार महतो के नेतृत्व में बुधवार सुबह करीब 7.40 बजे लाइन जाम कर दिया। इससे टाटानगर से बादामपहाड़ जा रही मेमू ट्रेन खड़ी हो गई। इधर लाइन जाम और ट्रेन रोकने की सूचना से चक्रधरपुर मंडल के रेल अधिकारियों में अपरातफरी मच गई।
हालांकि लाइन जाम की आशंका पर रेलवे ने 48 आरपीएफ जवानों को आवंलाजुड़ी में बीते रात ही प्रतिनियुक्त कर दिया था जबकि ट्रेन में भी एस्कॉर्ट बल के जवान तैनात थे। इधर, चक्रधरपुर मंडल के घाघरा स्टेशन के पास भी सैकड़ो की संख्या में आंदोलनकारी एकत्र हैं, लेकिन लाइन जाम नहीं हुआ है। दूसरी और नीमडीह में भी कुड़मी समाज के लोगों की भीड़ जुटी है लेकिन धारा 144 लागू होने के कारण अभी तक किसी ने लाइन जाम करने का साहस नहीं किया।
मालूम हो कि कुड़मी को एससी एसटी में शामिल करने की मांग पर समाज ने बुधवार को लाइन जाम करने की घोषणा की थी इससे रेलवे ने 174 ट्रेनों का परिचालन भी रद्द करने के साथ बदले मार्ग पर चलने का आदेश दिया था। लेकिन कोलकाता हाई कोर्ट ने लाइन जाम को असंवैधानिक बताया। इससे पश्चिम बंगाल में कहीं लाइन जाम नहीं हुई लेकिन ओडिशा के आंदोलनकारी ने लाइन जाम कर दिया, जहां दो मेमू ट्रेनों के साथ कई मालगाड़ियों का आवागमन प्रभावित हो रहा है।
कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बाद रेलवे ने 63 ट्रेनों को रद्द करने की अधिसूचना वापस ले ली। कुरमी समुदाय की ओर से 20 सितंबर से घोषित अनिश्चितकालीन रेल रोको आंदोलन को देखते हुए रेलवे ने यह अधिसूचना जारी की थी। इनमें रांची रेल मार्ग की 10, धनबाद रेलमार्ग की 20 और जमशेदपुर होकर गुजरने वाली 33 ट्रेनें शामिल थीं। इसके अलावा कुछ ट्रेनों का रूट डायवर्ट भी किया गया था।
कोर्ट ने बताया असंवैधानिक
कोलकाता हाईकोर्ट ने कुरमी समुदाय के आंदोलन को असंवैधानिक करार देते हुए कहा है कि आम लोगों को परेशान करने वाले आंदोलन की अनुमति नहीं दी जा सकती है। दूसरी तरफ आंदोलनकारी टोटेमिक कुड़मी विकास मोर्चा ने कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद झारखंड में रेल रोको आंदोलन को जारी रखने का ऐलान किया है।