ममता बनर्जी ने मंत्रियों के लिए बनाई ‘आचार संहिता’
कोलकत्ता
शिक्षक भर्ती घोटाले और पुश तस्करी स्कैम में घिरी टीएमसी ने पंचायत चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले छवि सुधारने की कवायद तेज कर दी है। बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने अपने मंत्रियों को हिदायत दी है कि वे लाल बत्ती और हूटर वाली कार का इस्तेमाल करना बंद कर दें। उनकी ओर से मंत्रियों और नेताओं के लिए एक आचार संहिता जारी की गई है, जिसमें बताया गया है कि वे लोग क्या कर सकते हैं और क्या नहीं। उनकी ओर से यह रूल बुक ऐसे समय में तैयार की गई है, जब पार्टी के दो नेताओं को घोटाले के आरोपों में केंद्रीय एजेंसियों ने अरेस्ट कर लिया है।
ममता सरकार के एक मंत्री ने कहा कि गुरुवार को कैबिनेट की मीटिंग में इसे लेकर चर्चा हुई थी। इस मीटिंग में मंत्रियों को हिदायत दी गई कि यदि उनके पास कोई फाइल आती है तो उसे ध्यान से पढ़ें और तभी साइन करें। ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को कैबिनेट से हटाने के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल किया है और उसके बाद से यह पहली मीटिंग थी। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती में घोटाले के आरोप में ईडी ने पार्थ चटर्जी को अरेस्ट किया है। इसके अलावा उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के पास से 50 करोड़ रुपये कैश और बड़े पैमाने पर सोना बरामद किया गया है। कहा जा रहा है कि यह दौलत पार्थ चटर्जी की ही है।
मंत्रियों को नसीहत, कुछ भी करने का लाइसेंस नहीं मिला है
पार्थ चटर्जी ने कहा कि वह उस कमेटी के बारे में ज्यादा जानते नहीं थे, जिसे भर्ती की जिम्मेदारी दी गई थी। पार्थ ने कहा कि मेरे पास एक फाइल आई थी और मैंने उसे सिर्फ साइन करके वापस भेज दिया था। मीटिंग में मौजूद एक और मंत्री ने कहा, 'बैठक में सीएम ने मंत्रियों से कहा कि वे लो-प्रोफाइल रहें। अपने क्षेत्रों में जाएं और सर्किट हाउस में ही ठहरें। जल्दी ही कैबिनेट मंत्रियों और राज्य मंत्रियों के कामों का भी बंटवारा कर दिया जाएगा। ममता दीदी ने मंत्रियों को चेतावनी दी है कि सिर्फ मिनिस्टर बन जाना ही सब कुछ नहीं है। यह इस बात का लाइसेंस नहीं है कि आप कुछ भी कर सकते हैं। उनके काम की निगरानी की जाएगी।'