November 15, 2024

जानें अयोध्या ट्रेन कांड की पूरी कहानी, महिला सिपाही से बर्बरता और अनीस का एनकाउंटर

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अयोध्या

अयोध्या में सरयू एक्सप्रेस ट्रेन के अंदर महिला हेड कॉन्स्टेबल से बर्बरता करने वाले अनीस को पुलिस और STF ने एनकाउंटर में मार गिराया है. इस एनकाउंटर में अनीस के दो साथी आजाद और विशंभर दयाल भी घायल हुए हैं. उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इन तीनों ने ट्रेन में महिला कॉन्स्टेबल से छेड़खानी की थी. विरोध करने पर महिला के ऊपर जानलेवा किया था.

30 अगस्त को ट्रेन की सीट के नीचे महिला कॉन्स्टेबल लहूलुहान हालत में मिली थी. अभी भी लखनऊ के अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. महिला कॉन्स्टेबल संग हुई इस बर्बर वारदात ने पूरे उत्तर प्रदेश को हिलाकर रख दिया था. खुद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया था. तो आइए जानते है इस केस की पूरी टाइम लाइन और कैसे बदमाश अनीस हुआ एनकाउंटर में ढेर…

लहूलुहान हालत में मिली थी महिला कॉन्स्टेबल

दरअसल, 30 अगस्त को सरयू एक्सप्रेस में सीट के नीचे महिला कॉन्स्टेबल सुमित्रा पटेल लहूलुहान हालत में पाई गई थीं. उनके कपड़े अस्त-व्यस्त थे और नाक व सिर से खून रिस रहा था. आनन-फानन उन्हें अस्पताल भर्ती कराया गया. लेकिन हालत गंभीर होने के चलते लखनऊ केजीएमयू रेफ़र कर दिया गया.

जैसे ही ये खबर फैली बवाल मच गया. पुलिस के आला अधिकारी कॉन्स्टेबल को देखने अस्पताल पहुंचे. विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया. वहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी मामले का स्वतः संज्ञान ले लिया. इस मामले में हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने 3 सितंबर (रविवार) की रात को अपने घर पर एक विशेष अदालत बिठाई और ट्रेन में महिला कॉन्स्टेबल के साथ हुई दरिंदगी को लेकर पहले PIL कराई और फिर इस केस पर देर रात सुनवाई भी की.

हाईकोर्ट ने अपनाया सख्त रुख

चीफ जस्टिस ने देर रात बुलाई अपनी स्पेशल बेंच में न सिर्फ नाराजगी जताई बल्कि स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार और रेलवे को नोटिस भी जारी कर दिया. साथ ही सोमवार यानी 4 सितंबर 12:00 बजे दोबारा से इस मामले की सुनवाई का वक्त दे दिया. कोर्ट द्वारा सरकार को कुछ जवाब के साथ हाजिर रहने का आदेश दिया गया. यही नहीं यूपी सरकार एडिशनल सॉलिसिटर जनरल और रेलवे के जिम्मेदार अधिकारियों को भी अदालत में मौजूद रहने का आदेश दिया. हालांकि, अगले दिन सुनवाई में कोर्ट ने सरकार और रेलवे की जांच-पड़ताल पर संतुष्टि जाहिर की.

अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूलती रही महिला कॉन्स्टेबल

इधर, महिला कॉन्स्टेबल अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच झूलती रही. ऑपरेशन कर उसकी जान तो बचा ली गई लेकिन हफ्ते भर तक वो बोलने की स्थिति में नहीं थी. उसके सिर में गंभीर चोट आई थी. ऐसे में पुलिस के सामने हमलावरों को खोजना मुश्किल होता जा रहा था. लेकिन पुलिस और एसटीएसफ पूरी शिद्दत से लगी रही.

इस तरह हमलवारों की तलाश में जुटी थी पुलिस

वारदात को करीब 3 हफ्ते बीत चुके थे. पुलिस और एसटीएसफ अब तक खाली हाथ थी. लेकिन प्रयास जोर-शोर से चल रहे थे. इस बीच महिला कॉन्स्टेबल बोलने की हालत में हुई तो उसने बताया कि हमलावर दो से तीन की संख्या में थे. इसी के आधार पर पुलिस और STF की टीम ने मनकापुर और अयोध्या रेलवे स्टेशन में CCTV में एक साथ नजर आ रहे दो संदिग्धों को चिन्हित किया.

इतना ही नहीं हर इलाके के अपने मुखबिरों को एक्टिव कर दिया. करीब 200 गांवों में नजर टिकाई. स्टेशन के ओवर ब्रिज से लेकर रेलवे लाइन के पास आउटर तक एक-एक कोना खंगाल मारा. मोबाइल नंबर ट्रेस किए. घटना वाले दिन वारदात स्थल के आसपास जो भी नंबर एक्टिव थे उनकी जांच की. इस बीच 22 सितंबर तड़के पुलिस को हमलावरों की लोकेशन मिल गई.

ऐसे मारे गए महिला कॉन्स्टेबल पर हमला करने वाले

दरअसल, शुक्रवार तड़के STF को आरोपियों के बारे में इनपुट मिला कि वो इनायतनगर में छिपे हुए हैं. घेराबंदी होने पर आरोपियों अनीस, विशंभर और आजाद ने पुलिसवालों पर गोली चला दी. पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग की. इसमें विशंभर और आजाद घायल हो गए, जबकि इनायतनगर से अनीस भागने में कामयाब हो गया.

इसके बाद पुलिस ने पूरे इलाके की नाकाबंदी की और अनीस को पूराकलंदर इलाके में घेर लिया. इस दौरान पुलिस ने उससे सरेंडर करने के लिए कहा, मगर अनीस ने पुलिस टीम पर गोली चला दी. जवाब में जब पुलिस ने फायरिंग की तो अनीस घायल हो गया. बाद में अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया.

इस मुठभेड़ में थानाध्यक्ष पूराकलंदर रतन शर्मा और दो सिपाही भी घायल हुए हैं. बताया जा रहा है कि थानाध्यक्ष के हाथ में गोली लगी है. उन तीनों का भी जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है. हालत खतरे से बाहर है.

उस दिन क्या हुआ था?

पुलिस के मुताबिक, अनीस और उसके दोनों साथी 30 अगस्त को सरयू एक्सप्रेस में चढ़े थे. ट्रेन में रोशनी कम थी. इसी बीच अनीस ने महिला कॉन्स्टेबल से ट्रेन में छेड़खानी शुरू कर दी. वो लूटपाट के इरादे से आया था. लेकिन कॉन्स्टेबल ने उन्हें सबक सिखाना शुरू किया तो बदमाश झल्ला गए. खुद को कमजोर पड़ता देख तीनों बदमाशों ने मिलकर कॉन्स्टेबल पर हमला बोल दिया और उसका सिर खिड़की से लड़ाकर फोड़ दिया. फिर उसके चेहरे पर कई वार कर लहूलुहान कर दिया. और आखिर में अयोध्या स्टेशन आने से पहले ट्रेन धीमी हुई तो तीनों बदमाश उतरकर फरार हो गए.

 

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