राम मंदिर के उद्घाटन में हर जाति के नेता और संत रहेंगे मौजूद, कैसी होगी गेस्ट लिस्ट और कितनी संख्या
अयोध्या
अयोध्या में भव्य राम मंदिर पर तेजी से काम चल रहा है। गर्भ गृह तैयार हो चुका है और अब प्राण प्रतिष्ठा का इंतजार है। राम लला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा जनवरी 2024 में होने वाली है, जिसमें 4 महीने से भी कम का वक्त बचा है। ऐसे में तैयारियों जोरों पर हैं और गेस्ट लिस्ट भी तैयार हो रही है। सूत्रों का कहना है कि इस समारोह को खास बनाने का प्रयास किया जा रहा है और इसके तहत सभी जातियों के संतों और नेताओं को आमंत्रित किया जाएगा। आयोजन के लिए गेस्ट लिस्ट तैयार होने लगी है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से जुड़े लोग यह लिस्ट तैयार कर रहे हैं। बड़ी संख्या में महिलाएं भी अतिथियों की सूची में रहेंगी।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने अगस्त 2020 में राम मंदिर का शिलान्यास किया था। इस बार भी वह मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहेंगे। उनके अलावा 6 से 8 हजार मेहमान और भी होंगे। ट्रस्ट के जनरल सेक्रेटरी चंपत राय ने कहा, 'हमारी कोशिश है कि हिंदू समाज से जुड़ी सभी परंपराओं के संतों को बुला जाए। इसके अलावा सभी बिरादरियों के लोगों की इसमें सहभागिता रहे।' उन्होंने कहा कि मेहमानों की सूची अलग-अलग लोग तैयार कर रहे हैं। अनुमान है कि इस आयोजन में करीब 8000 लोग शामिल हो सकते हैं।
अभी राम मंदिर के उद्घाटन की तारीख तय नहीं है, लेकिन 15 से 24 जनवरी के दौरान किसी भी दिन यह आयोजन हो सकता है। चंपत राय ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी से टाइम लेने के बाद ही तारीख तय की जाएगी। केंद्र सरकार की पहल पर ही राम मंदिर ट्रस्ट का गठन किया गया था, जो निर्माण का काम देख रहा है। खबर है कि मकर संक्रांति के बाद 10 दिन का आयोजन होगा, जिसमें 'प्राण प्रतिष्ठा' की जाएगी। इस बीच कमेटी के चेयरपर्सन नृपेंद्र मिश्र का कहना है कि यह आयोजन 22 जनवरी को हो सकता है। लेकिन अभी पीएमओ की ओर से तारीख तय होना बाकी है। उसके बाद ही फैसला लिया जाएगा।
राम मंदिर के आसपास भी कई प्रोजेक्ट्स पर काम, UP सरकार भी जुटी
चंपत राय का कहना है कि तीन प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इसके लिए तीन पत्थरों का चयन किया गया है। इन्हें नेपाल, राजस्थान और कर्नाटक से लाया गया है। अयोध्या में राम मंदिर के आसपास भी काम तेजी पर चल रहा है और कई दर्शनीय स्थल तैयार किए जा रहे हैं। इनकी निगरानी यूपी सरकार भी कर रही है और कुल 263 प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। इन पर 30,923 करोड़ रुपये की लागत लगी है।