September 23, 2024

साथ हैं तो भिखमंगा नहीं समझिए; लालू यादव को आनंद मोहन की दो टूक

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पटना
आरजेडी सांसद मनोज झा के 'ठाकुर का कुआं' पर सियासी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक बार फिर से पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन ने मनोज झा को घेरते हुए राजद सुप्रीमो लालू यादव को भी इशारों-इशारों में संदेश दे दिया है। उन्होने कहा कि अगर हम किसी के साथ हैं, तो इसका मतलब ये नहीं कि हम राजनीतिक तौर पर भिखमंगा हैं। अगर आप आप हमें एक या दो विधानसभा सीट पर समर्थन करेंगे तो हम 243 विधानसभा सीट पर हमारा समर्थन करेंगे। अगर आप एक लोकसभा सीट पर हमें समर्थन करेंगे तो हम आपको 40 लोकसभा सीट पर समर्थन करेंगे। हम अन्याय के खिलाफ लड़नें वालों में है। और मरते दम तक कमजोर और अन्याय के खिलाफ लड़ते रहेंगे। इसलिए हम इसकी परवाह नहीं करते कि कोई कौन सी पार्टी किसके साथ खड़ा है।

आनंद मोहन ने कहा कि मनोज झा ने संसद में कहा कि न्यायपालिका में ठाकुर बैठा है, संसद में ठाकुर बैठा है। अपने अंदर के ठाकुर को मारो। मैं पूछता हूं कि संसद में कौन बैठा है, न्यायपालिका में कौन बैठा है। वहीं मनोज झा के माफी मांगने के सवाल पर आनंद मोहन ने कहा कि माफी बड़े लोग मांगते हैं। गांधी जी बार-बार माफी मांगी, जय प्रकाश जी ने माफी मांगी, महात्मा बुद्ध तक ने माफी मांगी। गलतियां सुधार कर लोग बड़े बनते हैं। मनोज झा तो बीजेपी का एजेंट है। उन्होने कहा कि हम इनके बड़े पिताजी को भी जानते हैं। खुद को बहुत बड़ा समाजवादी कहते थे। लेकिन जब कांग्रेस की सरकार बनी तो समाजवादी का चोगा उतार कर कांग्रेस में शामिल हो गए और मंत्री बन गए।

आनंद मोहन ने कहा कि अगर मैं संसद में बैठा होता और उस वक्त मनोज झा ने ऐसा बयान दिया होता, तो पैंट गीली हो जाती है। हिमाकत नहीं होती ऐसा बयान देने की। मेरा इतिहास है, आजादी के बाद पहली बार राज नारायण जी का मार्शल आउट हुआ था, दूसरी बार सदन में मेरा मार्शल आउट हुआ था। उन्होने कहा कि वाल्मिकी की कविता में कहां लिखा है कि अपने अंदर के ठाकुर को मारो, संसद में बैठा है, न्यायपालिका में बैठा है। आनंद मोहन ने मनोज झा को पूर्वाग्रह से ग्रसित और छली नेता करार दिया।

आपको बता दें महिला आरक्षण बिल पर बहस के दौरान राजद सासंद मनोज झा ने 'ठाकुर का कुंआ' कविता का पाठ किया था। हालांकि कविता पाठ से पहले झा ने कहा था कि इसमें जो प्रतीक है, वो किसी जाति विशेष के लिए नहीं है। क्योंकि सबके अंदर एक ठाकुर है, जो न्यायालय में बैठा हुआ है, विश्वविद्यालयों में बैठा हुआ है, संसद की दहलीज को चेक करता है। उन्होंने कहा कि वो ठाकुर मैं भी हूं, वो ठाकुर संसद में हैं, वो ठाकुर विश्वविद्यालयों में है, यह ठाकुर विधायिका को कंट्रोल करता है, इस ठाकुर को मारो, जो अंदर है।

 

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