राजस्थान में गहलोत के खिलाफ शेखावत को सरदारपुरा से लड़ाने की तैयारी
जयपुर
राजस्थान में भी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एमपी में केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को विधानसभा के दंगल में उतारकर विरोधियों को चौंका दिया। अब राजस्थान को लेकर मंथन कर रही है।देर रात तक दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक हुई। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हुए। इस बैठक में राजस्थान के उम्मीदवारों के नाम पर मंथन हुआ। इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ किसे चुनाव लड़ाया जाए, इसको लेकर भी मंथन हुआ।
भाजपा राजस्थान की सत्ता में वापसी के लिए रिवॉल्विंग डोर पैटर्न (5 साल में सरकार बदलने की परंपरा) पर भरोसा कर रही है। हालांकि, भगवा खेमे में हाल के दिनों में असंतोष भी देखने को मिले हैं। इस सबके इस बात की प्रबल संभावना है कि मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान में भी केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों को विधानसभा के अखाड़े में उतारा जा सकता है।
सीईसी की इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और विपक्ष के नेता अर्जुन राम मेघवाल भी शामिल थे। वहीं, राजेंद्र राठौड़ और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया भी शामिल हुए।
ऐसी अटकलें हैं कि जोधपुर के सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत को सरदारपुरा से सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ खड़ा किया जा सकता है। गहलोत जोधपुर निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार चुने गए हैं। 2018 में उन्होंने सबसे बड़ी जीत हासिल की थी। उन्होंने भाजपा के शंभू सिंह खेतासर को 45,597 वोटों से हराया था।
बीजेपी ने हाल के कुछ चुनाव में विपक्ष के कद्दावर उम्मीदवारों के खिलाफ नरम होने की परंपरा को छोड़ दिया है। अमेठी में राहुल गांधी के खिलाफ स्मृति ईरानी को खड़ा करना इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इसके अलावा, कर्नाटक के गुलबर्गा से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की भाजपा के उमेश जाधव से चुनाव हार गए थे।
बीजेपी ने राजस्थान के विधानसभा चुनाव में बिना किसी चेहरे पर विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया है। बीते 30 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है।