November 25, 2024

अब विशेषाधिकार समिति के पास दानिश अली-रमेश बिधूड़ी विवाद

0

नई दिल्ली
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद दानिश अली के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य रमेश बिधूड़ी की ओर से आपत्तिजनक शब्दों के इस्तेमाल का मामला गरमाया हुआ है। इसे लेकर विपक्ष और सत्तापक्ष के कई सांसदों की शिकायतों पर विचार करने के लिए लोकसभा की विशेषाधिकार समिति की पहली बैठक होने जा रही है। यह मीटिंग 10 अक्टूबर को होगी। बैठक के एजेंडे में कहा गया कि गलत आचरण के लिए बिधूड़ी और दानिश अली के खिलाफ विभिन्न सदस्यों से प्राप्त शिकायतों के संबंध में BJP सांसद का मौखिक साक्ष्य लिया जाएगा।

चंद्रयान-3 की सफलता और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां विषय पर लोकसभा में बीते दिनों चर्चा हुई थी। इस दौरान गत 21 सितंबर को बिधूड़ी ने अली के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। इसके बाद खुद दानिश अली के अलावा विपक्ष के कई अन्य सदस्यों ने सदन के अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। इनमें लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की सांसद सुप्रिया सुले, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की अपरूपा पोद्दार और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) की कनिमोई शामिल हैं। इसके जरिए बिधूड़ी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। इन सांसदों ने मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने की भी अपील की थी।

'पहले दानिश अली ने PM के खिलाफ आपत्तिजनक शब्द बोले'
दूसरी तरफ, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और रवि किशन ने भी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है। इस दौरान दावा किया गया कि पहले अली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया था। उन्होंने भी इस मामले को विशेषाधिकार समिति के पास भेजने का आग्रह किया था। इसे देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सभी शिकायतों को विशेषाधिकार समिति के पास भेज दिया था। मालूम हो कि दानिश अली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने अपील की है कि बिधूड़ी के खिलाफ जवाबदेही और उचित दंड सुनिश्चित किया जाए, ताकि आगे सदन में ऐसी घटनाएं नहीं हों।

दानिश अली ने पीएम मोदी को भी लिखा पत्र
दानिश अली ने उन्हें मिली कथित धमकियों का हवाला देते हुए खुद के लिए पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की मांग भी की। उन्होंने पीएम से गुहार लगाई की कि वह सदन के भीतर मर्यादा और आचरण के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के महत्व की याद दिलाने से जुड़ी अपील करें। बसपा सांसद ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा, 'जैसा कि आप जानते होंगे कि 21 सितंबर, 2023 के बाद से स्थिति काफी खराब हो गई है। इसने हमारे सम्मानित सदन की संसदीय मर्यादा और लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली पर ग्रहण लगा दिया है। आप सदन के नेता और हमारे देश के प्रधानमंत्री हैं। ऐसे में मुझे विश्वास है कि आपको यह बात गहराई से पता चलेगी कि सांसद रमेश बिधूड़ी ने असंसदीय और अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया।'

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *