इजरायल और गाजा में सभी भारतीय सुरक्षित, सरकार से की यह अपील
इजराइल
इजराइल पर हमास के हमले के बाद भारतीय नागरिकों से जुड़ी कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है और देश में फंसे लोगों ने अपनी सुरक्षित निकासी के लिए तेल अवीव में स्थित भारतीय दूतावास से अनुरोध किया है। गाजा पट्टी पर शासन करने वाले आतंकवादी समूह हमास ने शनिवार सुबह इजराइल के दक्षिण में हवा, भूमि और समुद्र से अचानक हमला कर दिया था। रविवार को मीडिया में आईँ खबरों के अनुसार, इजराइल में सैनिकों समेत कम से कम 1000 इजराइली मारे गए हैं और 2000 से अधिक घायल हुए हैं। इसे बीते 50 साल में देश में हुआ सबसे भीषण हमला कहा जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि लगभग 18 हजार भारतीय नागरिक इजराइल में रहते और काम करते हैं तथा अब तक उनसे जुड़ी किसी अप्रिय घटना की जानकारी नहीं मिली है। देश में फंसे भारतीय पर्यटकों ने भारतीय दूतावास से उन्हें बाहर निकालने का अनुरोध किया है। अधिकतर पर्यटक समूहों में यात्रा कर रहे हैं। इजराइल का दौरा करने वाले कुछ व्यवसायी भी हैं जो तनाव में हैं और वहां से निकलने की कोशिश कर रहे हैं। तेल अवीव में भारतीय मिशन और फलस्तीन में भारत के प्रतिनिधि कार्यालय ने शनिवार को परामर्श जारी कर भारतीय नागरिकों से "सतर्क रहने" और आपात स्थिति में "सीधे कार्यालय से संपर्क करने" की अपील की थी।
दूतावास के सूत्रों ने बताया कि वे चौबीस घंटे सभी भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं और सक्रिय रूप से उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं। इजराइल में रहने वाले भारतीयों का एक बड़ा हिस्सा देखभाल करने वालों के रूप में काम करता है, लेकिन वहां लगभग एक हजार छात्र, कई आईटी पेशेवर और हीरा व्यापारी भी हैं।
सभी भारतीय छात्र सुरक्षित
हिब्रू विश्वविद्यालय में ‘डॉक्टरेट' की छात्रा बिंदू ने बताया कि उन्होंने शनिवार को पूरे दिन निर्देशों का अक्षरश: पालन किया और सुरक्षित महसूस किया। उन्होंने कहा कि सभी भारतीय छात्र एक-दूसरे के संपर्क में हैं और लगातार स्थिति का जायजा ले रहे हैं। कुछ अन्य छात्रों ने भी कहा कि उन्हें स्थिति नियंत्रण में आती दिख रही है और "हमें अनावश्यक रूप से दहशत नहीं फैलानी चाहिए।”
हिब्रू विश्वविद्यालय के गिवत राम कैंपस में ‘पोस्टडॉक्टरल फेलो' विकास शर्मा ने कहा, “हमले के कारण इजराइल में तनावपूर्ण स्थिति है, लेकिन सभी भारतीय छात्र सुरक्षित हैं। अधिकतर छात्र संस्थानों द्वारा उपलब्ध कराए गए छात्रावासों और आवासों में रह रहे हैं। हम व्हाट्सऐप के माध्यम से एक-दूसरे के साथ-साथ भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं।” इजराइल में देखभाल कार्य से जुड़े लोग भी भारतीय मिशन के दिशानिर्देशों का पालन कर रहे हैं। अश्केलॉन में सबसे ज्यादा रॉकेट गिरे हैं। वहां रहने वाले एले प्रसाद ने कहा कि ‘‘उन्हें बहुत सतर्क रहना होगा ताकि सायरन बजने के बाद वे जल्द से जल्द आश्रय गृह तक पहुंच सकें।”
वहीं, एक अन्य देखभालकर्ता विवेक ने कहा कि स्थिति चिंताजनक है लेकिन वे सभी ठीक हैं और दूतावास के साथ लगातार संपर्क में हैं। गाजा में रहने वाली एक भारतीय नागरिक ने कहा कि स्थिति "डरावनी" है लेकिन वह और उसका परिवार सुरक्षित है। उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा' से कहा, ''कोई इंटरनेट कनेक्शन और बिजली नहीं है। स्थिति डरावनी है लेकिन हम ठीक हैं।''
भारतीय दूतावास ने जारी की एडवाइजरी
यरुशलम में शनिवार की रात ज्यादातर लोग अपनी इमारतों में आश्रय गृहों के करीब सोए और सुरक्षा बलों द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन किया। इजराइली लोग अब भी विभिन्न मोर्चों से हुए हमले और बड़े पैमाने पर खुफिया विफलता से सदमे में हैं। यरूशलम के पुराने शहर को बेथलेहम से जोड़ने वाली सड़क रविवार को सुनसान थी। सामान्य दिनों में ऐसे नजारे की कल्पना भी नहीं की जा सकती। सुरक्षा बल यहां सड़कों पर गश्त कर रहे हैं और स्थिति पर नजर रख रहे हैं। यरुशलम में शांति है और रविवार को यहां कोई हमला या किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है।
दूतावास ने शनिवार को अपनी एडवाइजरी में कहा था, “इजराइल में वर्तमान स्थिति को देखते हुए, इजराइल में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों से अनुरोध किया जाता है कि वे सतर्क रहें और स्थानीय अधिकारियों की सलाह के अनुसार सुरक्षा नियमों का पालन करें। कृपया सावधानी बरतें, अनावश्यक आवाजाही से बचें और सुरक्षित स्थलों के करीब रहें।” परामर्श अंग्रेजी, हिंदी, मराठी, तमिल, तेलुगु, मलयाली और कन्नड़ भाषाओं में जारी किया गया है।