November 30, 2024

विज्ञापन सहित पेड न्यूज पर चुनाव आयोग की पैनी नजर

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दौसा.

विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर आचार संहिता लागू होने के बाद दौसा जिला निर्वाचन अधिकारी कमर चौधरी ने मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिटरिंग कमेटी का गठन कर दिया है। कमर चौधरी ने बताया कि यह कमेटी समाचार पत्रों,  इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, केबल मोबाइल नेटवर्क, सोशल मीडिया आदि  पर सभी प्रकार के संप्रेषण साधनों पर विज्ञापन, समाचार, संदेश, चर्चा और साक्षात्कार पर नजर रखेगी। साथ ही कमेटी द्वारा पेड न्यूज पर विशेष नजर रखी जाएगी। भारत निर्वाचन आयोग के अनुसार किसी भी प्रिंट मीडिया और इलेक्ट्रॉनिक में प्रकाशित प्रसारित समाचार या विशलेषण जिसका मूल्य नगद या किसी अन्य तरह से दिया गया है तो उसे पेड न्यूज माना जाएगा।

समझिए ये होती है पेड न्यूज
जिला निर्वाचन अधिकारी कमर चौधरी ने बताया कि समाचार का उद्देश्य सूचना प्रदान करना है और विज्ञापन का उद्देश्य को बढ़ावा देना होता है। समाचार निष्पक्ष होता है, जबकि विज्ञापन का मूल्य होता है। ऐसे में मतदाताओं को भ्रमित करना, सोचने के अधिकार पर प्रभाव डालना, चुनाव पर प्रभाव डालने जैसी सभी खबरों को पेड न्यूज में शामिल माना जाएगा। साथ ही ऐसे लेख जिसमें किसी विशेष प्रत्याशी की अत्यधिक प्रशंसा और जीत की संभावना, किसी एक की अन्य प्रत्याशियों की तुलना में अधिक कवरेज हो तो इसे भी पेड न्यूज माना जाएगा।

नामांकन तिथि से पेड न्यूज निर्धारित की जाएगी
जिला निर्वाचन अधिाकरी ने बताया कि नामांकन तिथि से पेड न्यूज निर्धारित की जाएगी। पेड न्यूज की लागत डीएवीपी या डीआईपीआर में से जो न्यूनतम हो, से ज्ञात की जाएगी। डीएवीपी दर नहीं होने पर डीपीआर दर से पेड न्यूज की लागत निर्धारित की जाएगी। इसकी जांच के लिए जिला स्तर पर एक एमसीएमसी कमेटी का गठन किया गया है।

एमसीएमसी कमेटी करेगी मॉनिटरिंग
जिला निर्वाचन अधिकारी कमल चौधरी ने कहा कि पेड न्यूज से संबंधित शिकायतों, प्रकरणों की जांच, मीडिया स्कैन करना, विज्ञापन प्रमाणन समिति द्वारा प्रमाणीकरण के लिए विज्ञापन को प्रस्तुत करना, प्रमाणीकरण के लिए प्रस्तुत किए जा रहे विज्ञापनों पर निर्णय लेना, संदेहस्पद पेड न्यूज पर आरओ द्वारा नोटिस जारी करना, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापनों की मॉनिटरिंग करने का काम जिला स्तरीय एमसीएमसी कमेटी करेगी। प्रिंट मीडिया  के विज्ञापनों का खर्च चुनाव के खर्चे में शामिल जाएगा। आदेश की अवहेलना करने पर धारा 127 एआरपी एक्ट 1951 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

विज्ञापन कराने होंगे प्रमाणित
चौधरी ने बताया कि टीवी चैनल और केबल नेटवर्क पर किसी राजनीतिक दल, संस्था या प्रत्याशी द्वारा प्रसारण के लिए जारी होने वाले सभी विज्ञापन जारी होने से पहले प्रमाणित करवाने होंगे। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापन में टीवी चेनल, केबल, रेडियो एफएम चैनल और सिनेमाघर में प्रसारित राजनीतिक विज्ञापनों को भी जोड़ा जाएगा। जनसभाओं, सार्वजनिक स्थान, सोशल मीडिया और ई-पेपर में जारी किए जा रहे राजनीतिक विज्ञापनों का भी प्रमाणन किया जाएगा।

निर्धारित आवेदन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज भी संलग्न
विज्ञापन अधिप्रमाण के लिए मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय राजनीतकि दल, पंजीकृत राष्ट्रीय, राजकीय राजनीतकि दल और प्रत्याशी प्रसारण के लिए प्रस्तावित दिनांक से तीन दिन पहले विज्ञापन प्रस्तुत करने होंगे। वहीं अन्य गैर पंजीकृत दलों द्वारा विज्ञापन सात दिन पहले प्रस्तुत करना होगा। निर्धारित आवेदन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज भी संलग्न करना जरूरी होगा।

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