कांग्रेस की दूसरी सूची गहलोत के करीबियों का दबदबा, 15 मंत्रियों को टिकट
जयपुर
राजस्थान में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. वोटिंग की तारीख नजदीक आती जा रही है. उससे पहले राजनैतिक दल उम्मीदवारों के नाम घोषित करने में लगे हैं. सत्तारूढ़ कांग्रेस की दूसरी लिस्ट आ चुकी है. इस लिस्ट में 43 नाम हैं. इनमें 16 मंत्री, 14 विधायक और चार पुराने उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है. कांग्रेस अब तक 76 उम्मीदवारों की घोषणा कर चुकी है. अभी 124 सीटों पर नाम का ऐलान होना बाकी है. दूसरी सूची में गहलोत के करीबियों का दबदबा देखा गया. हालांकि, गहलोत के करीबी मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी को पार्टी ने अभी तक टिकट नहीं दिया है.
कांग्रेस की दूसरी सूची में 16 मंत्रियों को टिकट दिया गया है. अब सिर्फ 8 मंत्री बचे हुए हैं, जिनको टिकट मिलना बाकी है. कांग्रेस ने 14 सिटिंग विधायक को टिकट दिए हैं. इनमें किशनपोल से अमीन कागजी, आदर्श नगर से रफीक खान, सादुलशहर से जगदीश जांगिड़, करणपुर से गुरमीत सिंह, हनुमानगढ़ से विनोद कुमार चौधरी को टिकट दिया गया है. इसी तरह से सरदारशहर से अनिल कुमार शर्मा, नवलगढ़ से राजकुमार शर्मा, फतेहपुर से हाकम अली, नीमकाथाना से सुरेश मोदी, राजाखेड़ा से रोहित बोहरा, खंडार से अशोक बैरवा, केकड़ी से रघु शर्मा, बाड़मेर से मेवाराम जैन और खेरवाड से दयाराम परमार को टिकट दिया गया है.
'पांच निर्दलीयों को भी मिला टिकट'
कांग्रेस की दूसरी सूची में सात टिकट बदले गए हैं. इनमें पांच निर्दलीय विधायकों के टिकट पहले से पक्के माने जा रहे थे. पार्टी ने सोजत विधानसभा और सूरतगढ़ विधानसभा में चेहरे बदले हैं. पार्टी ने पांच निर्दलीयों को भी चुनाव मैदान में उतारा है. इनमें बाबूलाल नागर, खुशवीर सिंह, संयम लोढ़ा पहले भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन लगातार दो बार चुनाव हारने के चलते 2018 में टिकट नहीं दिया गया था.
'डूडी की जगह पत्नी को बनाया उम्मीदवार'
पार्टी ने दूदू से बाबूलाल नगर, बस्ती से लक्ष्मण मीणा, महुआ से ओमप्रकाश हुडला, मारवाड़ जंक्शन से खुशवीर सिंह, सिरोही से संजय लौड़ा को टिकट दिया है. इसके अलावा दो टिकट ऐसे हैं, जिनमें पत्नी की जगह पति को और पति की जगह पत्नी को टिकट दिया गया है. रामगढ़ में सफिया खान की जगह जुबेर खान को टिकट दिया गया है. इसी तरह, पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के बीमार होने के चलते पार्टी ने उनकी पत्नी सुशीला डूडी को टिकट दिया है.
'हारने वाले नेताओं पर जताया भरोसा'
कांग्रेस ने चार टिकट रिपीट किए हैं, इनमें दो बार हारने वाले उम्मीदवारों के नाम हैं. पुष्कर से नसीम अख्तर, मावली से पुष्कर लाल, डांगी सल्लूबर से रघुवीर सिंह मीणा, घाटोल से पुष्कर लाल को टिकट दिया गया है. दो विधानसभा सीट सोजत और सूरतगढ़ से शहरों में बदलाव किया गया है.
दूसरी सूची में गहलोत समर्थकों का दबदबा
गहलोत सरकार के जिन मौजूदा मंत्रियों को टिकट दिया गया है, उनमें गोविंद राम मेघवाल, डॉ. बीडी कल्ला (गहलोत के ओएसडी भी इसी सीट से दावेदारी कर रहे थे), प्रताप सिंह खाचरियावास, विश्वेंद्र सिंह, प्रसादी लाल मीणा, उदय लाल अंजना, प्रमोद जैन भाया, शकुंतला रावत, रामलाल जाट और सुखराम विश्नोई शामिल हैं.
'पूर्व नौकरशाह को भी मिला करीबी होने का फायदा'
बाबू लाल नागर को दूदू सीट से टिकट दिया गया है. नागर को गहलोत का भरोसेमंद माना जाता है. उन्होंने पिछला चुनाव निर्दलीय लड़ा था और अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनवाने में मदद की थी. दरअसल, 2018 का विधानसभा चुनाव निर्दलीय लड़ने वाले कई नेताओं को कांग्रेस की दूसरी सूची में टिकट दिया गया है. राजस्थान के पूर्व मुख्य सचिव निरंजन आर्य को सोजत से कांग्रेस का टिकट मिला है. वो राजस्थान के पहले एससी मुख्य सचिव रहे हैं और उन्हें गहलोत का करीबी माना जाता है.
पहली सूची में दिखा था पायलट का पलड़ा भारी
पहली लिस्ट में ज्यादातर पायलट के समर्थित विधायकों के नाम थे. लाडनूं से मुकेश भाकर को चुनाव मैदान में उतारा गया तो वल्लभनगर से प्रीति शक्तावत को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया. विराटनगर सीट से इंद्राज गुर्जर को चुनाव मैदान में उतारा गया. सांगानेर से पुष्पेंद्र भारद्वाज और अलवर की मुंडावर सीट से ललित यादव को टिकट दिया है. जयपुर की मालवीय नगर से लगातार दो बार हार चुकी अर्चना शर्मा को सचिन पायलट खेमे का फायदा मिला और पार्टी ने एक बार फिर चुनाव मैदान में उतारा. पर्वत कर रामनिवास गावड़िया सहित सभी पायलट के समर्थक माने जाते हैं. पहली बार लिस्ट में 33 नाम में से एक दर्जन नाम सचिन पायलट के समर्थकों के थे.