November 25, 2024

MP Election 2023 में सपा और बसपा से कांग्रेस कर रही यारी की तैयारी

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भोपाल

 मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को मात देने के लिए कांग्रेस, बसपा और सपा में एक बार फिर नए सिरे से मंथन शुरू हो गया है। अब तो कई उम्मीदवारों को बदलने और आपसी समझौते की भी चर्चाएं जोर पकड़ रही है। राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में समझौते की कवायद चली और कांग्रेस ने सपा को कुछ सीटें देने का भी वादा किया।

वहीं, कई दौर की बातचीत चली और बाद में कांग्रेस अपने वादे से मुकर गई, जिसके चलते दोनों ही दलों में दूरियां बढ़ गई, एक तरफ जहां कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने तंज कसा तो दूसरी ओर सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी इस मामले में पीछे नहीं रहे।

राज्य के सियासी हालात पर गौर करें तो कांग्रेस के अलावा सपा और बसपा के उम्मीदवारों के बड़ी तादाद में मैदान में उतरने से कांग्रेस को ही नुकसान होने वाला है। इस बात से कांग्रेस वाकिफ है और यही कारण है कि कांग्रेस का रुख कुछ नरम हो चला है। कांग्रेस की ओर से सपा और बसपा से संपर्क साधा जा रहा है। साथ ही कुछ सीटों से सपा और बसपा से उम्मीदवार हटाए जाने का आग्रह भी हो सकता है, तो वहीं कुछ स्थान पर कांग्रेस अपने उम्मीदवार हटाकर वह सीट सपा-बसपा को दे सकती है।

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सपा और बसपा ने बड़ी तादाद में उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। इससे कांग्रेस की बढ़त पर असर पड़ने के आसार हैं। यही कारण है कि अब कांग्रेस समझौते के रास्ते पर बढ़ने की कोशिश कर रही है।

चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद कांग्रेस के कुछ नेताओं को इस बात का अहसास होने लगा था कि सपा और बसपा उन्हें नुकसान नहीं पहुंचाएगी, मगर जो जमीनी फीडबैक आया है। उससे इस बात के साफ संकेत मिल रहे हैं कि बुंदेलखंड और बघेलखंड की लगभग 50 से ज्यादा सीटें ऐसी हैं, जिन पर समीकरण गड़बड़ाने की आशंका है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि सपा और बसपा भले ही अपने उम्मीदवारों को जिताने की स्थिति में न हों, मगर उसके उम्मीदवार इतने वोट तो ले ही जाएंगे जो नतीजे पर सीधा असर डालें और इससे कांग्रेस को ही ज्यादा नुकसान होगा। यही कारण है कि कांग्रेस अपनी मुश्किलों को कम करने के लिए दोनों ही दलों की ओर से समन्वय और समंजस्य बनाने की कोशिश चल रही है।

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