ब्रह्मांड में ग्रहों ने बनाया धनुष के शेप का एक उद्भुत चक्रव्यूह, 8 ग्रह एक लाइन में, एस्ट्रोलॉजर बोले- दुनिया में बड़ा बदलाव होगा
ग्वालियर
ब्रह्मांड में ग्रहों ने धनुष के शेप का एक उद्भुत चक्रव्यूह बनाया है। जिसमें 8 ग्रह ऐसी सीक्वेंस में आ गए हैं, जो एक धनुष की प्रत्यंचा पर 8 बाण चढ़ाने जैसा नजारा बना रहे हैं। ज्योतिष की नजर से देखा जाए तो बहुत बड़ा परिवर्तन दुनिया और देश में इससे देखने को मिलेगा। बुराई और अपराध करने वालों को दंड मिलगा। उन्हें फंसाने के योग ग्रहों की इस चाल ने बनाए हैं।
एस्ट्रोलॉजर के मुताबिक ग्रहों की ये अद्भुत परिस्थितियां 21 अगस्त की शाम 6.10 बजे से शुरू हो चुकी हैं, जो 24 अगस्त को सुबह 6.56 बजे तक रहेंगी। हालांकि, इससे होने वाला परिवर्तन मानव सभ्यता के लिए बहुत ही शुभ रहने वाला है। इस साल ग्रहों का राजा शनि है। शनि को न्याय का देवता माना जाता है। जो मकर राशि में है। उसके एक घर आगे और दो घर पीछे कोई नहीं है।
महाभारत युद्ध जैसा चक्रव्यूह
एस्ट्रोलॉजर डॉ मनोज कुमार गुप्ता ने बताया ब्रह्मांड में बहुत दुर्लभ ग्रहों की स्थिति बनी है। यह संयोग एक धनुष की आकृति में बन रहा है। ऐसा अहसास कराता है कि धनुष की प्रत्यंचा पर 8 तीर खींच लिए गए हों। यानी सृष्टि एक बहुत बड़े परिवर्तन के लिए अपने आप को तैयार कर रही है। महाभारत काल में जिस तरह कौरवों के युद्ध चक्रव्यूह में अभिमन्यु फंसा था। ठीक उसी तरह का चक्रव्यूह ब्रह्मांड में ग्रहों ने बनाया है। इस चक्रव्यूह की रचना शनिदेव ने की है। इसमें बहुत लोग फंसने वाले हैं। शनि का परिवर्तन चल भी रहा है। सभी ग्रह अलग-अलग राशियों में हैं। नौ ग्रह नौ अलग-अलग राशियों में हैं और 8 ग्रह सीक्वेंस से एक कतार में हैं। किसी भी ग्रह की स्थिति अशुभ नहीं है। सूर्य स्वराशि का है। शनि अपनी स्वयं की राशि मकर में है। बृहस्पति अपनी स्वयं की राशि में है। बुध भी अपनी उच्च राशि में है। बाकी ग्रह भी अपनी सही स्थिति में है। गोचर बताता है कि हर ग्रह अकेला है, कोई भी दूसरा ग्रह साथ नहीं है। ब्रहस्पति से केतु तक सभी एक के बाद एक क्रम में हैं। शनि के एक आगे और पीछे दो घरों में कोई भी दूसरा ग्रह नहीं है। इससे शनि की स्थिति में कोई दखल देने वाला नहीं है। राहु मेष राशि में है। मंगल अपने घर से दूसरे स्थान पर है। चंद्रमा के आगे और पीछे दोनों तरफ ग्रह बैठे हुए हैं। शुक्र अपनी अच्छी स्थिति में है। केतु भी सही स्थिति में है।
क्या होगा प्रभाव
इस चक्रव्यूह से भविष्य में बहुत बड़ा परिवर्तन होगा। बुराई और अन्याय के रास्ते पर चल रहे लोगों के लिए सुनवाई-सुधार की कोई प्रक्रिया बाकी नहीं रहेगी। अधर्मी और अन्याय करने वालों को दण्ड भुगतना होगा। अनैतिक रास्ते पर चल रहे लोग छोटे-छोटे लालच-प्रलोभन में फंसेंगे। उन्हें चक्रव्यूह से बाहर निकलने का रास्ता नहीं सूझेगा। व्यूह रचना का प्रभाव धीरे-धीरे दिखेगा। इस साल के राजा शनिदेव बहुत बड़े परिवर्तन को स्वीकार करवा चुके हैं। हर ग्रह की मंजूरी मिल चुकी है। जो शनि की कार्यप्रणाली को स्वीकार नहीं कर रहे, उन पर इसका प्रभाव पड़ेगा। बड़े युग परिवर्तन पर ग्रहों ने मोहर लगा दी है। ग्राउंड लेवल पर एक्जीक्यूट होना बाकी है। यह परिस्थिति अटल सत्य है। जो किसी विशेष कारण और विशेष लक्ष्य के लिए बनी है।
पहले भी बनीं ऐसी स्थितियां,अबकी बार धनुष पर बाण
इस चक्रव्यूह में 9 ग्रह 9 राशियों में हैं। पिछले 30-35 साल की स्टडी पर 6 बार ऐसी स्थितियां बनीं। 14 जून 1986, 22 सितम्बर 1988, 09 फरवरी 2006, 12 फरवरी 2012, 12 अक्टूबर 2020 के बाद 21 से 24 अगस्त तक यह योग बना है। इस बार का योग पिछले 5 योग से अलग है। पिछले योग में 9 राशियों में 9 ग्रह तो थे, लेकिन 8 ग्रह सीक्वेंस में नहीं थे। इस बार परफेक्ट धनुष की शेप 8 ग्रह बना रहे हैं। शनि इस सीक्वेंस से अलग है। जिसके एक घर आगे और दो घर पीछे कोई दूसरा ग्रह नहीं है। धनुष पर बाण चढ़ाने जैसी परिस्थिति इस आकृति से बन रही है। इससे पहले की परिस्थितियों में यह विशेष योग नहीं था। अबकी बार सूर्य के आगे-पीछे भी बुध और शुक्र हैं। ये परिस्थितियां साधारण नहीं हैं। ऐसी परिस्थिति कभी नहीं मिलीं।