चार महीने बिना सैलरी काम कर रहे राजीव गांधी अस्पताल के डॉक्टर
नई दिल्ली.
करीब चार महीने से वेतन ना मिलने के विरोध में राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के डॉक्टरों की हड़ताल गुरुवार को भी जारी रही। इस कारण मरीजों को बिन उपचार के वापस लौटना पड़ा। उधर, अस्पताल के प्रशासनिक पद पर कार्यरत एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को डॉक्टरों का वेतन जारी कर दिया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर मरीजों को देख रहे है।
समर्थन बढ़ा
डॉक्टरों की हड़ताल के समर्थन में दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन भी उतर आया है। एसोसिएशन ने डॉक्टरों का वेतन जारी करने की मांग की है। अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर और यूनाइटेड डॉक्टर्स फ्रंट एसोसिएशन के महासचिव डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि हड़ताल के दूसरे दिन ओटी सेवाएं भी बंद रहीं। इस कारण 15-20 सर्जरी नहीं हुई।
इमरजेंसी और आईसीयू चालू
अरुण कुमार ने कहा कि अस्पताल की इमरजेंसी और आईसीयू में सिर्फ रेजिडेंट डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे है। वेतन के लिए लंबे समय से मांग कर रहे हैं। वेतन न मिलने पर हड़ताल के लिए विवश होना पड़ा। आखिरी बार जून महीने में वेतन मिला था। चार माह से बिन वेतन के काम कर रहे हैं। आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इधर-उधर से मांगकर गुजारा चला रहे हैं। हड़ताल का गुरुवार दूसरा दिन था। उन्होंने कहा कि वेतन न मिलने तक हड़ताल को जारी रखेंगे। रेजिडेंट डॉक्टर ही नहीं नर्सिंग सहित दूसरे कर्मी वेतन न मिलने को लेकर परेशान हैं।
सबसे ज्यादा दिक्कत फॉलोअप मरीजों को हुई
हड़ताल का खामियाजा अस्पताल में भर्ती मरीजों को भी भुगतना पड़ा। भर्ती मरीजों की निर्धारित सर्जरी नहीं हो सकीं। सिर्फ गंभीर मरीजों को अस्पताल की इमरजेंसी में देखा जा रहा था।
बगैर उपचार झेलनी पड़ी समस्याएं
नंद नगरी से अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग में उपचार के लिए आए मोहन ने बताया कि उनका एक निजी अस्पताल में पथरी का ऑपरेशन हुआ था, लेकिन उसके बाद से यूरिन संबंधी दिक्कत हो रखी है। उसके उपचार के लिए अस्पताल में दिखाने के लिए आए थे। यहां हड़ताल होने के बारे में जानकारी मिली। इस कारण वापस लौटना पड़ा।
अस्पताल पहुंचकर हड़ताल की जानकारी मिली
लोनी इलाके से कार्डियोलॉजी विभाग में उपचार के लिए पहुंचे 65 वर्षीय बुजुर्ग उदयवीर ने बताया कि उनको काफी समय से छाती में दर्द की शिकायत है। किसी की सलाह पर इस अस्पताल में दिखाने के लिए आया। ईको और एंजियोग्राफी की जांच करा चुका हूं। इसलिए अस्पताल में दिखाने के लिए आया था, लेकिन बिना दिखाए बेटे के साथ घर वापस लौटना पड़ा। उन्होनें बताया कि अस्पताल पहुंचकर हड़ताल की जानकारी मिली।