भारतीयों संग पिद्दी से देश में सौतेला व्यवहार, लैंड करते ही वसूल रहा करीब एक लाख रुपये टैक्स
नई दिल्ली
मध्य अमेरिका में स्थित सबसे छोटा और सबसे सघन आबादी वाला देश अल साल्वाडोर में भारत से पहुंचे पर्यटकों के साथ सौतेला व्यवहार हो रहा है। उन पर वहां लैंड करते ही 1000 डॉलर यानी करीब 83000 रुपये का टैक्स वसूला जा रहा है। यह टैक्स भारत के साथ-साथ अफ्रीका समेत 50 से ज्यादा अफ्रीकी-एशियाई देशों के पासपोर्ट पर लगाया जा रहा है। पर्यटकों के लिए मशहूर यह देश उत्तर-पश्चिम में ग्वाटेमाला, उत्तर-पूर्व में हॉण्डुरास और दक्षिण में प्रशांत महासागर से घिरा है। यह फोंसेका की खाड़ी पर स्थित है।
अल साल्वाडोर के बंदरगाह प्राधिकरण ने अपनी वेबसाइट पर अक्टूबर में एक बयान में कहा कि भारत या 50 से अधिक अफ्रीकी देशों में से किसी एक के पासपोर्ट पर यात्रा करने वाले लोगों को 1000 डॉलर के शुल्क का भुगतान करना होगा। प्राधिकरण ने कहा कि पर्यटकों से जुटाई गई धनराशि का इस्तेमाल देश के मुख्य अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को बेहतर बनाने के लिए किया जाएगा।
अल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने इस सप्ताह पश्चिमी गोलार्ध मामलों के अमेरिकी सहायक सचिव ब्रायन निकोल्स से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में अन्य विषयों के अलावा "अनियमित प्रवासन को कंट्रोल करने के प्रयासों" पर भी चर्चा हुई। उस चर्चा में कहा गया है कि सितंबर में समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2023 में सीमा शुल्क और सीमा गश्ती दल को देश भर में ऐसे अनियमित रिकॉर्ड 32 लाख प्रवासियों का सामना करना पड़ा है।
बता दें कि अफ़्रीका और अन्य जगहों से आए कई प्रवासी मध्य अमेरिका के रास्ते से अमेरिका पहुंचते हैं। इसलिए अल सल्वाडोर में प्रवासियों की संख्या बढ़ रही है। इन यात्रियों पर वैट सहित, कुल 1,130 डॉलर यानी कुल 94000 रुपये का टैक्स वसूला जा रहा है। नया शुल्क अक्टूबर से प्रभावी हुआ है। बयान के अनुसार, सभी एयरलाइंस को अफ्रीका और भारत समेत कुल 57 देशों से आने वाले यात्रियों के बारे में साल्वाडोरन अधिकारियों को प्रतिदिन सूचित करना होता है।
इस आदेश के मद्देनजर, कोलंबियाई एयरलाइन एविएंका, जो वहां की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी है, ने यात्रियों को सूचित करना शुरू कर दिया है कि 57 देशों की सूची के यात्रियों को अल साल्वाडोर के लिए उड़ान भरने से पहले अनिवार्य शुल्क का भुगतान करना होगा।