November 25, 2024

धनतेरस पर खरीदने जा रहे गोल्ड तो ध्यान रखें ये 10 बातें वर्ना पड़ जाएंगे लेने के देने

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नई दिल्ली
अगले हफ्ते धनतेरस का त्योहार है। इस मौके पर गोल्ड खरीदना काफी   शुभ माना जाता है। इसके अलावा गोल्ड को निवेश के लिए भी काफी शुभ माना जाता है। यह बाकी निवेश की तुलना में काफी सुरक्षित है। फेस्टिव सीजन में कई ज्वैलर लोगों को ठगते हैं। ऐसे में आपको गोल्ड खरीदने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

आपको हमेशा से भारतीय मानक ब्यूरो से प्रमाणित गोल्ड ही खरीदना चाहिए। दरअसल, इस से यह तय हो जाता है कि सोने शुद्धता और क्वालिटी वाला है। वहीं, बीआईएस हॉलमार्क में कोड, टेस्टिंग लैब का निशान, ज्वैलर का साइन और साल होता है। आपको हमेशा हॉलमार्क वाला ही गोल्ड खरीदना चाहिए।

गोल्ड की शुद्धता जांच करने के लिए 24 कैरेट लापा जाता है। इसके अलावा 24,22,28 कैरेट के जरिये भी इसे नापा जाता है। 24 कैरेट को सबसे ज्यादा शुद्धासोना माना जाता है। आप जब भी कोई गोल्ड खरीदें तो एक बार उसका कैरेट जरूर चेक करना चाहिए।

गोल्ड की कीमत की तुलना करें
आपको सोने की कीमत की तुलना अवश्य करना चाहिए। हर जौहरी गोल्ड की अलग कीमत लगाते हैं। आप ऑनलाइन भी गोल्ड की कीमतों को चेक कर सकते हैं। इसके अलावा अगर आप एक शहर से दूसेर शहर ट्रैवल करने वाले हैं तो आप दूसरे शहर के गोल्ड की कीमतों को भी चेक कर सकते हैं। देश में इनकी कीमतों में बदलाव किया जाता है। ऐसे में आपको लेटेस्ट के बारे में पता होना चाहिए।

मेकिंग चार्ज के बारे में जानें
गोल्ड की ज्वेलरी में आपको मेकिंग चार्ज भी देना होता है। ज्वैलर्स इनकी कीमतों को बदलते रहते हैं। ऐसे में आप ज्वैलर से जरूर पूछें कि वह कितना मेकिंग चार्ज लेंगे। मेंकिंग चार्ज गहने की डिजाइन पर लगाया जाता है।

विश्वास वाले ज्वैलर से खरीदें
आपको हमेशा से किसी भरोसेमंद ज्वैलर से ही अपनी ज्वैलरी खरीदनी चाहिए। यहां आपके साथ धोखाधड़ी होने का खतरा कम होता है और आपको क्वालिटी वाली ज्वैलरी मिल सकती है।

डिस्काउंट का पता लगाएं
फेस्टिव सीजन पर कई ज्वैलर छूट या डिस्काउंट देते हैं। ऐसे में आपको इस डिस्काउंट ऑफर के बारे में पता होना चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान

    सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें : केवल वही सोना खरीदें जो भारतीय मानक ब्यूरो यानी बीआईएस से सर्टिफाइड हो. इसमें गोल्ड की प्योरिटी और क्वपालिटी का स्टैंडर्ड पता चलता है. बीआईएस हॉलमार्क में प्योरिटी कोड, टेस्ट सेंटर का साइन, ल्वेलर का साइन और मार्किंग का साल भी होता है. हमेशा हॉलमार्क वाला सोना ही खरीदें. हॉलमार्क सर्टिफिकेशन सोने की प्योरिटी का आश्वासन देता है और ऑथेंटीसिटी भी दर्शाता है. यह गोल्ड की क्वालिटी की गारंटी है.

    प्योरिटी चेक करें : गोल्ड की प्योरिटी कैरेट में मापी जाती है, 24 कैरेट सोना सबसे प्योर होता है. भारत में सोने की प्योरिटी का सामान्य स्तर 24, 22 और 18 है. वह प्योरिटी लेवल चुनें जो आपके और बजट के लिए सही हो. हालांकि, 24 कैरेट का गोल्ड काफी सॉफ्ट होता है और ज्वेलरी के लिए सही नहीं माना जाता है. आमतौर पर आभूषणों के लिए 22 कैरेट और 18 कैरेट सोने का इस्तेमाल किया जाता है. आप जो सोना खरीद रहे हैं उसके कैरेट की जानकारी होना काफी जरूरी है.

    प्राइस जरूर कंपेयर करें : सोने की कीमतें हर जौहरी के हिसाब से अलग-अलग होती हैं. खरीदारी करने से पहले विभिन्न ज्वैलर्स से कीमतों की तुलना करें. आप सोने का रेट ऑनलाइन भी चेक कर सकते हैं. सोने की मौजूदा बाजार कीमत से अवगत रहें. कीमतों में उतार-चढ़ाव हो सकता है, इसलिए खरीदारी करने से पहले प्रचलित दरों को जानना जरूरी है.

    मेकिंग चार्ज से सावधान रहें : ज्वैलर्स सोने को आभूषण में बदलने के लिए मेकिंग चार्ज लेते हैं. आभूषण के डिजाइन और जटिलता के आधार पर मेकिंग चार्ज अलग-अलग हो सकते हैं. मेकिंग चार्ज के बारे में पहले से पूछें और अलग-अलग ज्वैलर्स से उनकी तुलना करें. ज्वैलर्स अक्सर आभूषण बनाने में शामिल कई तरह के चार्ज भी लेते हैं. इस तरह के चार्ज ओवरऑल कॉस्ट असर डालते हैं.

    बाय-बैक पॉलिसी को समझें : खरीदारी करने से पहले ज्वैलर्स की बाय-बैक पॉलिसी को समझें. इससे आपको पता चल जाएगा कि अगर आप भविष्य में जौहरी को सोना वापस बेचते हैं तो आपको कितना वापस मिलेगा.

    रेपुटेटिड ज्वैलर्स से खरीदें : रेपुटेटिड और स्टैबलिश ज्वैलर्स से सोना खरीदें. यह मेटल की क्वालिटी और ऑथेंटिसिटी सुनिश्चित करता है. स्टैबलिश ज्वैलर्स अपने द्वारा बेचे जाने वाले सोने के बारे में सटीक जानकारी देते हैं.

    छूट और ऑफर चेक करें : त्योहारी सीज़न के दौरान, कई ज्वैलर्स छूट और ऑफर्स देते हैं. अपने गोल्ड का सही प्राइस पता लगाने के लिए इन पर नजर रखना काफी जरूरी है.

    डॉक्युमेंटेशन : गोल्ड खरीदने के बाद इस बात का ध्यान रखें कि आपको सही बिल और बाकी डॉक्युमेंट्स मिल रहे हैं या नहीं. इन डॉक्युमेंट्स में प्योरिटी, वेट और मेकिंग चार्ज जैसी डिटेल होती हैं. यह डॉक्युमेंट्स भविष्य के किसी भी तरह ट्रांजेक्शन और एक्सचेंज के लिए काफी अहम है.

    रिस्क से सावधान रहें : गोल्ड काफी वैल्यूएबल असेट होता है. इसलिए इसे खरीदने में शामिल रिस्क के बारे में भी आपको पता होना काफी जरूरी है. अपने सोने को सुरक्षित स्थान पर रखें और चोरी और नुकसान के अगेंस्ट इंश्योरेंस कराएं.

 

 

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