September 25, 2024

2024 तक सोनिया से पद पर रहने की अपील,गांधी परिवार के अलावा कोई भी पार्टी को एकजुट नहीं रख सकता

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नई दिल्ली

कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष के चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो चुका है, लेकिन अब तक कोई चेहरा सामने नहीं आया है। राहुल गांधी के नाम की सबसे ज्यादा चर्चा है और कांग्रेसी उनसे पद संभालने की अपील भी कर रहे हैं, लेकिन उन्होंने इस पर अनिच्छा जाहिर की है। इस बीच कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी के सीनियर नेताओं ने सोनिया गांधी से ही अपील की है कि वह 2024 तक पद पर बनी रहें। इन नेताओं का कहना है कि गांधी परिवार के अलावा कोई भी पार्टी को एकजुट नहीं रख सकता। ऐसा नहीं हुआ तो पार्टी टूट सकती है और प्रियंका गांधी को 2024 के बाद कमान सौंप दी जाए।

इस बीच सोनिया गांधी ने अशोक गहलोत के नाम का सुझाव दिया है। उनका कहना है कि यदि गांधी परिवार से कोई अध्यक्ष नहीं बनता है तो फिर अशोक गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष बना देना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि दो नेताओं के साथ बैठक में भी अशोक गहलोत ने यह बात कही है। इस बीच राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी तीनों ही इलाज के लिए विदेश जाने वाले हैं। दरअसल सोनिया गांधी का चेकअप होने वाला है और इस दौरान राहुल और प्रियंका भी उनके साथ रहेंगे। अगले कुछ दिनों में ही कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के लिए शेड्यूल का ऐलान होने वाला है। इस संबंध में 28 अगस्त को मीटिंग होने

राहुल अपने फैसले पर कायम

राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था. एक बार निर्णय लेने के बाद पीछे नहीं हटने की अपनी विशिष्ट शैली पर राहुल गांधी कायम हैं. वो अपना रुख बदलने के लिए तैयार नहीं हैं. वह पहले ही भी कांग्रेस नेताओं को संकेत दे चुके हैं कि उन्हें किसी विशेष 'पद' में कोई दिलचस्पी नहीं है और वह पार्टी के लिए ऐसे काम करते रहेंगे.

दरअसल, संसद के मानसून सत्र के दौरान पुलिस हिरासत में रहने के दौरान राहुल गांधी से कांग्रेस के सांसदों ने थाने में दिल खोलकर बातचीत की थी. विजय चौक से लाकर संसद मार्ग थाने में बैठे कई नेताओं ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन असफल रहे. इस दौरान सभी ने उनसे कहा कि कांग्रेस उनके बिना आगे नहीं बढ़ सकती और अब समय आ गया है कि वह पार्टी के शीर्ष पद संभाले. हालांकि, राहुल गांधी अपने स्टैंड पर कायम रहते हुए कहा कि मेरा जवाब नहीं होगा, आप जितनी बार पूछेंगे, वही जवाब होगा, तो आप और क्या कह सकते हैं.

प्रियंका दौड़ से बाहर?

प्रियंका गांधी वाड्रा के भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ विदेश यात्रा पर चली गई हैं. इस तरह प्रिंयका के यात्रा पर निकलने से स्पष्ट संदेश है कि वो भी कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव से खुद को अलग हो रेह हैं. ऐसे में वो चाहती हैं कि पार्टी के नेता इस विवाद को सुलझाएं.

कांग्रेस ने देर रात जारी प्रेस विज्ञप्ति में यात्रा का आधिकारिक कारण बताया. प्रियंका ने कहा कि सोनिया गांधी चिकित्सा के लिए यात्रा कर रही थीं और अपनी बीमार मां से भी मिलेंगी. हालांकि, विज्ञप्ति में यह बात जरूर कही गई है कि गांधी परिवार के तीनों सदस्य 4 सितंबर को 'मंहगई पर हल्ला बोल' रैली से पहले विदेश से वापस आ जाएंगे.

कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि राहुल गांधी बहुत दूरदर्शी नेता है और अगर उन्होंने ये फैसला लिया है तो कुछ सोच समझ के ही लिया होगा. कांग्रेस में पास प्रियंका गांधी वाड्रा से ज्यादा लोकप्रिय नेता फिलहाल कोई नहीं है. ऐसे में पार्टी की कमान उन्हें संभालनी चाहिए, क्योंकि पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ता यही चाहते हैं. राहुल को पार्टी अध्यक्ष नहीं बनाया जाना चाहिए और हमें उनके फैसले का सम्मान करना चाहिए.

कांग्रेस अध्यक्ष का चयन या चुनाव?

कांग्रेस अध्यक्ष के चुनावी सरगर्मी के बीच गांधी परिवार विदेश रवाना हो गया है. राहुल गांधी के खुद को दूर रखने के फैसले के बाद पार्टी में सभी के मन में यह सवाल मंडरा रहा है कि कांग्रेस का नया अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा या फिर उसका चयन किया जाएगा?

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए संगठनात्मक चुनाव कराने की समय सीमा नजदीक आने के साथ ही कांग्रेस पार्टी में दिलचस्प पावरप्ले देखने को मिल रहा है. पार्टी इस मुद्दे पर गुटबाजी देख रही है और कई खेमे अपने-अपने नेताओं की पैरवी कर रहे हैं. कांग्रेस में एक राहुल खेमा है, जो उनके वफादारों का है. एक प्रियंका खेमा है जो मानते हैं कि उन्हें जिम्मेदारी मिलनी चाहिए. इसके अलावा भी एक राहुल विरोधी खेमा भी है.

कांग्रेस में चल रही कवायद को एक गुट ऐसे देख रहा है कि कहीं कांग्रेस अध्यक्ष क पद पर किसी नेता को महज कुठपुतली के तौर पर बैठाने की तो कोशिश नहीं की जा रही है. कांग्रेस अध्यक्ष के लिए वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, मीरा कुमार, केसी वेणुगोपाल और मुकुल वासनिक के नाम भी चर्चा तेज है. वहीं, यदि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए एक गैर-गांधी चेहरे को बनाया जाता है, जो गांधी परिवार में हां में हां मिलाने वाले हो तो यहां पर भी दांव किसकी चलेगी?

ऐसे ही क्या यथास्थिति बनी रहेगी

कांग्रेस अध्यक्ष पद 2019 के बाद से खाली है, लेकिन उसके लिए पार्टी में टालमटोल होता रहा है. कई बार कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव के चुनाव के एक्सटेंशन किया जा चुका है और फिर से 20 सितंबर की तारीख तय की गई है. कांग्रेस नेताओं की मानें तो कांग्रेस अध्यक्ष के लिए तारीख को कुछ दिनों के लिए बढ़ाया जा सकता है, लेकिन चुनाव की तारीखों में एक और लंबा विस्तार होने की संभावना नहीं है.

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने के लिए क्या स्थिति होगी यह तस्वीर साफ नहीं है. ऐसे यथास्थिति कायम नहीं रह सकती है? क्या सोनिया गांधी जो सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष हैं. वो अपने पद पर बनी रहेंगी या फिर पार्टी के सबसे वरिष्ठ महासचिव कांग्रेस के शीर्ष पद की कमान संभालेंगे. वह कौन होगा? इन तमाम मुद्दों पर अभी भी अस्पष्टता की स्थिति बनी हुई है.

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