गहलोत ने एक फोटो से दिया BJP-कांग्रेस को एकजुटता का मैसेज
जयपुर.
चुनावी तैयारियों में जुटे राजस्थान में बुधवार को सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक तस्वीर शेयर करते हुए हलचल पैदा कर दी है। ट्विटर पर साझा की गई तस्वीर में मुख्यमंत्री गहलोत के साथ सचिन पायलट बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं। तस्वीर के साथ गहलोत ने कैप्शन लिखा है, 'एक साथ, जीत रहे हैं फिर से।' यूं तो चुनावी माहौल में एक ही दल के दिग्गजों के साथ बैठने की तस्वीर कोई हैरान करने वाली बात नहीं होती, लेकिन इन दोनों दिग्गजों के बीच हुई खींचतान और जयपुर से दिल्ली तक चली तल्खियों की कहानियां इस तस्वीर को अलग और रोचक बना रही हैं।
दरअसल, पिछले विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की तल्खियां लगातार सामने आती रहीं। कई बार ये नेता एक दूसरे पर सरेआम तंज भरे बयान देते नजर आए तो कई मौकों पर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने से भी ये नहीं चूके। साल 2020 में तो नौबत सरकार गिरने-गिराने की तक आ गई थी। आखिरकार केंद्रीय नेतृत्व ने दखल दिया और कई प्रयासों के बाद दोनों नेताओं के बीच खटास थोड़ी कम हुई। हालांकि, इस शांति को कुछ दिनों के सीजफायर के तौर पर ही समझा जा रहा था। लेकिन अब विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अशोक गहलोत ने ये तस्वीर ट्वीट करते हुए एक राजनीतिक संदेश देने की कोशिश की है।
टिकट बंटवारे से रणनीति बनाने तक दिखी खेमेबाजी
राजनीति के जानकार इसे सीधे-सीधे गहलोत का एक मैसेज मान रहे हैं, जो उन्होंने जनता के साथ-साथ कांग्रेस के उन नेताओं को भी दिया है, जो खुद को गहलोत और पायलट के गुटों में बांट कर देख रहे हैं। दरअसल, गहलोत के मुख्यमंत्री होने और उनके चुनाव में एक्टिव होने के बाद भी राजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री पद का चेहरा नहीं बताया है। माना जा रहा है कि ऐसा इसलिए किया है, ताकि सचिन पायलट खेमे से होने वाली किसी भी बगावत को टाला जा सके और चुनाव बाद इस पर कोई फैसला लिया जा सके।
अशोक गहलोत ने चुनाव के पहले दिया क्लियर मैसेज
ऐसे में कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ता भी पायलट और गहलोत खेमें में बंट गए। ये अलगाव टिकट बंटवारे से लेकर चुनावी रणनीतियां बनाने के दौरान भी देखा गया। बीजेपी लगातार अपने विरोधी की इसी कमजोर कड़ी पर लगातार हमलाावर है। हालांकि, अब चुनावों से ऐन पहले गहलोत ने ये तस्वीर साझा करते हुए कार्यकर्ताओं और नेताओं को संदेश दे दिया है कि वो एक होकर कांग्रेस के लिए तैयारी करें और ये मानें कि उनका पार्टी नेतृत्व भी एक ही है। साथ ही साथ ये मैसेज बीजेपी को भी है, जो खुद राजस्थान में बिना मुख्यमंत्री पद का चेहरा सामने किए चुनाव लड़ रही है।