पुष्कर मेले में गुजरात से आया 7 करोड़ का घोड़ा, सेल्फी लेने की होड़
पुष्कर
राजस्थान के पुष्कर पशु मेले में एक ऐसा घोड़ा लाया गया है, जिसकी कीमत सात करोड़ रुपये बताई जा रही है. यह घोड़ा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, जिसे देखने के लिए काफी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. इस घोड़े को बिसलेरी वाटर पिलाया जाता है. एक बार में देसी गाय का पांच लीटर दूध पिलाया जाता है. इसे ये दूध तीन बार दिया जाता है. यह घोड़ा लग्जरी कारों से भी काफी महंगा है.
पुष्कर मेले में पहुंचा यह घोड़ा मारवाड़ी नस्ल का फ्रेजेंड घोड़ा है. घोड़े के मालिक युवराज जडेजा उसको भगवान का रूप मानते हैं. युवराज ने चार लोगों को घोड़े की सेवा में लगा रखा है. फ्रेजेंड की लंबाई करीब 64 इंच से भी ज्यादा है. दिखने में सुंदर और आकर्षक है. फ्रेजेंड को देखने के लिए मेला क्षेत्र में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ रही है. कई देशी-विदेशी पर्यटक फ्रेजेंड के साथ सेल्फी ले रहे हैं.
फ्रेजेंड के कुनबे के दो घोड़े लाखों की कीमत में रूस के घोड़ा व्यापारियों ने खरीदे हैं. अब फ्रेजेंड के सात करोड़ रुपये तक लगा दिए हैं. फ्रेजेंड के मालिक युवराज ने फ्रेजेंड को सात करोड़ रुपये की मोटी रकम के बावजूद उसे बेचने से इनकार कर दिया. वे फ्रेजेंड को अपना भगवान मानते हैं.
युवराज ने किसी को भी आज तक फ्रेजेंड की सवारी नहीं करने दी. फ्रेजेंड के मालिक युवराज जडेजा के मुताबिक, गुजरात, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों की 11 प्रतियोगिताओं में फ्रेजेंड चैंपियन रह चुका है.
युवराज ने कहा कि उनके पास मारवाड़ी नस्ल के 35 घोड़े हैं, लेकिन फ्रेजेंड को ज्यादा पसंद करते हैं. फ्रेजेंड के लिए चार कर्मचारी लगा रखे हैं, जो दिन रात फ्रेजेंड की सेवा करते हैं.
फ्रेजेंड को दिन में देसी गाय का 5 लीटर दूध तीन टाइम देते हैं, इसी के साथ मूंगफली चना दाना दिया जाता है. वीआईपी की तर्ज पर पीने के लिए बिस्लरी पानी पिलाते हैं. इसके अलावा वैटनरी हर रोज जांच करते हैं. फ्रेजेंड घोड़े को इतनी सारी सुविधाएं देने वाले घोड़ा व्यापारी युवराज को घोड़े पालने का जुनून है.
घोड़ों की बड़ी मंडी है पुष्कर
घोड़ा खरीदने के लिए एवं प्रदर्शन के लिए पुष्कर में दूर-दूर से घोड़े आते हैं. इसके लिए एक मेला मैदान अलग से बनाया गया है. यहां एक गांव बसाया जाता है, जहां जानवर घोड़े और ऊंट रहते हैं. इस मेले में करोड़ों का व्यापार होता है. यह सिलसिला लंबे वक्त से चला आ रहा है. यहां लोग देश विदेश से घोड़े ऊंट खरीदने और बेचने आते हैं.
विभाग पशुओं की प्रतियोगिताएं भी कराता है
मेला अधिकारी नवीन परिहार ने कहा कि बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी पुष्कर मेले में पहुंचते हैं. पर्यटकों के आने से बड़े बजट वाले होटल भी 15 दिन तक फुल रहते हैं. पुष्कर के मेला मैदान में जानवरों के साज श्रृंगार के लिए बाजार लगता है.
लगभग 10 से 12 दिन तक पूरा पशुपालन विभाग भी अपना कैंप पुष्कर में ही करता है और समय-समय पर जांच की जाती है. पशुपालन विभाग पशुओं की कई प्रतियोगिताएं भी करवाता है, जिससे पशुओं के प्रतिभागी सामने आ सकें. इस बार पशुपालन विभाग नवाचार करेगा.
क्या बोले देश-विदेश के पर्यटक?
अहमदाबाद से पुष्कर मेला देखने आईं श्वेता ने बताया कि पहली बार यहां आकर अच्छा लगा. इतने सारे घोड़े ऊंट पुष्कर के अलावा कहीं नहीं देखे. आगरा से फ्रांस के 15 पर्यटकों का ग्रुप लेकर आए टूरिस्ट गाइड ने बताया कि फ्रांस के टूरिस्ट ने ऐसा मेला कही नहीं देखा. भारतीय संस्कृति से सभी विदेशी ओतप्रोत हैं.