गाजीपुर में गंगा खतरे के निशान के करीब जा पहुंची, निचले इलाकों में घुसने लगा बाढ़ का पानी
गाजीपुर
जिले में गंगा का जलस्तर लगातार चुनौती देने की ओर है। गुरुवार की दोपहर 12 बजे तक 62.740 मीटर पर जलस्तर दर्ज किया गया। जबकि 63.105 मीटर जिले में खतरे का निशान है। चेतावनी बिंदु को पार करने के बाद से ही जिले में खलबली मची हुई है। गाजीपुर जिले में गंगा का रौद्र रूप देखकर तटवर्ती इलाके के लोग सहम गए हैं। साथ ही प्रशासन भी अलर्ट मोड में आ गया है। फिलहाल चार सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से गंगा बढ़ रही है। 12 बजे तक गंगा का जलस्तर 62.740 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 63.105 के काफी करीब पहुंच गया है। अगर ऐसे ही गंगा बढ़ती रही तो शाम छह बजे तक खतरे के निशान को भी गंगा पार कर जाएंगी।
23 अगस्त को ढोलपुर डैम एंव माता टाला डैम से क्रमशः 18,31,587 क्यूसेक एवं 384,954 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के कारण गंगा नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। इस संबंध में जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों संग कैम्प कार्यालय पर बैठक कर संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील बाढ़ चौकियों को क्रियाशील कराकर उस पर तैनात राजस्व विभाग एवं अन्य विभाग के कर्मचारियों को सर्तक रहने का निर्देश दिया है।
डीएम ने बाढ़ चौकियों पर लाइट, जनरेटर, खाद्य समाग्री सहित अन्य उपयोग के समाग्री की समुचित व्यवस्था पूर्व में ही सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया। साथ ही सावधानी के दृष्टिगत बाढ़ से प्रभावित होने वाले गंव के निवासियों/पशुओं को सुरक्षित स्थनों पर ले जाने के लिए आवश्यक व्यवस्था कराने को कहा है। उनके भोजन तथा पशुचारे आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कराया जाए, ताकि बाढ़ के दौरान प्रभावित लोगों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। अपर जिलाधिकारी अरूण कुमार सिंह, मुख्य राजस्व अधिकारी, समस्त उपजिलाधिकारी, तहसीलदार, अधिशासी अभियंता देवकली पम्प नहर कैनाल एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।