September 25, 2024

पूर्व क्रिकेटर शिवलाल यादव और अरशद अयूब के ठिकानों पर ED रेड, जानें पूरा मामला

0

हैदराबाद

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में भारत के पूर्व क्रिकेटरों शिवलाल यादव और अरशद अयूब से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की। इसके अलावा तेलंगाना चुनाव में प्रत्याशी गद्दाम विनोद के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई। इस दौरान ईडी ने तेलंगाना में 9 ठिकानों पर तलाशी ल। शिवलाल यादव हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एचसीए) के अध्‍यक्ष, अरशद अयूब उपाध्यक्ष और सचिव रह चुके हैं। गद्दान विनोद कांग्रेस नेता जी.विवेकानंद के भाई हैं। जी विवेक 30 नवंबर को होने वाले चुनाव में मंचेरियल जिले के चेन्नूर से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वह तेलंगाना विधानसभा चुनाव में सबसे अमीर प्रत्याशी हैं।

ईडी ने एक बयान में कहा कि उसने मंगलवार को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत विनोद, यादव और अयूब के आवासों सहित नौ स्थानों पर तलाशी ली।

छापे में मिला कैश

ईडी ने कहा, 'एसएस कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय परिसर और इसके एमडी सत्यनारायण के आवासीय परिसर में भी तलाशी ली गई।' तलाशी के परिणामस्वरूप डिजिटल उपकरण, आपत्तिजनक दस्तावेज और 10.39 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी बरामद हुई और जब्त की गई।

जी विवेक के भाई हैं गद्दाम विनोद

ईडी ने कहा, 'विनोद के एक परिसर की तलाशी से पता चला कि इसका इस्तेमाल उनके भाई गद्दाम विवेकानंद कर रहे हैं। जी विवेक हाल ही में बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हैं। वह संबंधित परिसर का यूज स्वामित्व या नियंत्रण वाली कई कंपनियों के कार्यालय के रूप में कर रहे थे।

क्या है पूरा मामला

ईडी ने कहा कि उसने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी), हैदराबाद ने तीन एफआईआर दायर की हैं। वहीं हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के 20 करोड़ रुपये के फंड के आपराधिक दुरुपयोग से संबंधित एसीबी ने आरोपपत्र दाखिल किए हैं। इन्हीं दोनें के आधार पर मामला दर्ज किया गया है।

राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम में हुई गबन!

ईडी ने कहा कि आरोपपत्र में हैदराबाद के राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम के लिए डीजी सेट, अग्निशमन प्रणाली और कैनोपी की खरीद में गंभीर अनियमितताओं के आरोप हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि आरोपपत्र के अनुसार, समय सीमा के बावजूद कई कार्यों में अत्यधिक देरी हुई, जिससे लागत और बजट में वृद्धि हुई और एचसीए को नुकसान हुआ।

छापे में यह आया सामने

यह भी पता चला कि एचसीए के पदाधिकारियों, जिनमें इसके तत्कालीन सचिव, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष और अन्य शामिल थे, ने निजी पार्टियों के साथ मिलकर उचित निविदा का पालन किए बिना मनमाने ढंग से बाजार दरों से अधिक पर पसंदीदा विक्रेताओं या ठेकेदारों को विभिन्न निविदाएं और कार्य आवंटित किए। प्रक्रियाएं, और कई मामलों में कोटेशन प्राप्त होने से पहले भी। ईडी ने कहा कि कई ठेकेदारों को अग्रिम भुगतान किया गया, लेकिन उन्होंने कोई काम नहीं किया।

एजेंसी ने कहा कि उक्त परिसरों की तलाशी में आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किए गए, जिससे पता चलता है कि विसाका इंडस्ट्रीज और इसकी समूह कंपनियां नियमित रूप से अपनी रियल एस्टेट गतिविधियों से संबंधित बड़े मूल्य के नकद लेनदेन और नगद भुगतान में लिप्त रही हैं। इसमें आगे कहा गया है, इसके अलावा, विभिन्न व्यक्तियों से नगदी प्राप्त करने और ऐसे लेनदेन को समायोजित करने के लिए ऐसी रियल एस्टेट कंपनियों की पुस्तकों में समायोजन प्रविष्टियां पारित करने के कई उदाहरण जब्त किए गए दस्तावेजों से देखे गए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *