जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ और आतंकी घटनाओं पर गंभीर केंद्र
नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही घुसपैठ और आतंकी हमलों को देखते हुए गुरुवार को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और गृह मंत्री अमित शाह ने सुरक्षा की समीक्षा की। इस बैठक में सेना के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। गृह मंत्री ने कहा कि आपस में समन्वय स्थापित करके आतंवाद का खात्मा जारी रहना चाहिए। बैठक के दौरान अमित शाह ने कहा, जिस भी माध्यम से आतंक का माहौल बनता है और ज लोग भी आतंकवादियों की मदद करते हैं, उन्हें पनाह देते हैं उन सबका खात्मा जरूरी है ताकि आम आदमी की हिफाजत हो सके। बता दें कि इस बैठक में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे।
गृह मंत्री ने उन सभी कामों की समीक्षा की जो कि आतंकवाद के खिलाफ पिछले कुछ सालों में किए गए हैं। उन्होंने जम्मू-कश्मीर प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों की सफल अमरनाथ यात्रा करवाने के लिए तारीफ भी की। बता दें कि अमरनाथ यात्रा दो साल के बाद इस बार हुई है। गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर की समृद्धि का संकल्प किया है और इसे मिलकर पूरा करना है। इसके अलावा एलओसी पर सुरक्षा सुनिश्चित करनी है। उन्होंने कहा, एक बार अगर घुसपैठ, आतंकवाद, आतंकवादियों के हथियारों पर शिकंजा कस दिया गया तो जम्मू-कश्मीर के लोग इस प्रॉक्सी वार में सुरक्षाबलों की खुद मदद करेंगे। बयान के मुताबिक इस बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि जिन लोगों पर यूएपीए व अन्य मामले चल रहे हैं, उनमें तेजी लाई जाए और जांच की गुणवत्ता में सुधार किया जाए।
बता दें कि पिछले कुछ सप्ताह में आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में कम से कम चार बार घुसपैठ की कोशिश की है। हालांकि सुरक्षाबलों ने इस प्रयास को विफल कर दिया। कई आतंकी मारे भी गए हैं। वहीं इन दिनों आतंकी आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। इन्हीं बातों को देखते हुए यह समीक्षा बैठक बुलाई गई थी। आतंकियों के एक समूह ने 11 अगस्त को भी राजौरी के एक शिविर पर हमला कर दिया था जिसमें चार जवान शहीद हो गए थे। हालांकि बाद में आतंकियों को भी मार गिराया गया था।
सरकार ने संसद में बताया था कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पिछले महीने तक जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में 118 नागरिकों की जान गई है । इनमें पांच कश्मीरी पंडित और 16 दूसरे हिंदू और सिख थे।