डाक मतपत्र से छेड़छाड़ का कथित वीडियो सामने आने के बाद, अब पलटे कांग्रेस के जिला संगठन मंत्री
भोपाल
बालाघाट जिले में काउंटिंग से 6 दिन पहले डाक मतपत्र से छेड़छाड़ का कथित वीडियो सामने आने के बाद बालाघाट कांग्रेस के जिला संगठन मंत्री शराफत खान के सुर बदल गए हैं। पहले वे जिला प्रशासन की कार्यवाही से संतुष्ट बता रहे थे, बाद में जब मामले ने तूल पकड़ा तो वे पलट गए और आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश के खिलाफ जाकर जिला प्रशासन ने डाक मतपत्रों के बंडल बनाए हैं। प्रदेश कांग्रेस ने उसकी शिकायत निर्वाचन आयोग से की थी। वहीं मंगलवार प्रदेश कांग्रेस ने कलेक्टर बालाघाट गिरीश मिश्रा को काउंटिंग से दूर रखे जाने की मांग की है।
कानून की अवहेलना: तन्खा
राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने इस मामले पर सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि बालाघाट कलेक्टर साहिब आप के अधिकारियों को किसने अधिकृत किया कि प्रत्याशी एवं पार्टीज को बिना सूचित किए पोस्टल बैलेट्स को छांटे। क्या मालूम की आपने खोला या ना खोला। निर्वाचन आयोग की नजरों में ऐसे कृत्य घोर कानून की अवहेलना है।
अब फिर जिले में होगी शिकायत
बालाघाट जिला कांग्रेस के अध्यक्ष संजय उइके ने कहा कि शराफत खान का पहला वीडियो दोपहर में आया था। जिसमें उन्होंने यह बात की थी कि पचास-पचास के बंडल बनाए जा रहें है। उसके बाद उन्होंने दूसरा वीडिया भी जारी कर स्थिति साफ की है। नियमानुसार यह काम नहीं हुआ है। इसलिए हम बालाघाट जिले में भी मंगलवार को फिर से शिकायत करने जा रहे हैं।
पहले…
तीन बजे स्ट्रांग रूम खोला गया और डाक मतपत्र के बंडल बनाए जा रहे थे। हमारा व्यक्ति यहां था। जानकारी लगी थी कि उन्हें खोलकर गिनती की जा रही है। जबकि निर्वाचन के निर्देश पर पचास-पचास के बंडल बनाए जा रहे हैं और उन्हें विधानसभा वार छांटा जा रहा है। कलेक्टर और एसडीएम से चर्चा के बाद यह साफ हुआ कि पचास-पचास के बंडल बनाने के बाद स्ट्रॉन्ग रूम को बंद किया जाएगा। अब हम संतुष्ट हैं।
अब…
स्ट्रॉग रूम तीन बजे की जगह पर 1.30 बजे खुला। नियम के विरुद्ध इसे खोला गया। पचास-पचास के जो बंडल बनाए गए वह निर्वाचन के दिशा निर्देश के खिलाफ थे। हमारी आपत्ति उस पर है। हमारी आपत्ति यह भी है कि यह काम तीन दिसंबर को होना था। जब स्ट्रॉग रूम का ताला खोला गया था तब भाजपा के उम्मीदवार वहां पर मौजूद थे। हमारे उम्मीदवार को फोन कर सूचना दी गई थी। जबकि बाकी के 15 और उम्मीदवार थे, उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई थी। प्रशासन गड़बड़ी कर रहा है।