अशोक गहलोत गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर बोले, मैं सदमे में हूं; उनसे ऐसी उम्मीद नहीं थी
जयपुर
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के इस्तीफा देने पर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने कहा कि जो टिप्पणियां की गई हैं, वो उचित नहीं है। मैं खुद सदमे में हूं कि एक 42 साल का व्यक्ति जिसे जिंदगी में सब कुछ मिला हो वो आज ऐसे संदेश दे रहें, जो मेरे समझ के परे हैं।
किसी को उम्मीद नहीं थी कि वह ऐसे पत्र लिखेंगे
अशोक गहलोत ने शुक्रवार को कहा कि उनके (गुलाम अली आजाद) त्यागपत्र के बारे में मैं जो महसूस करता हूं, उसे व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। उन्होंने पार्टी में कई पदों पर कार्य किया। किसी को उम्मीद नहीं थी कि वह ऐसा पत्र लिखेंगे। इससे पहले उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखा था, जब वह मेडिकल चेकअप के लिए अमेरिका गई थीं। कांग्रेस ने उन्हें (गुलाम नबी आजाद) सब कुछ दिया। आज वह इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी के कारण जाने-माने नेता हैं।
गुलाम नबी आजाद ने राहुल गांधी पर साधा निशाना
वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने शुक्रवार को राहुल गांधी की अपरिपक्वता का हवाला देते हुए पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे पत्र में आजाद ने दावा किया कि पार्टी को एक मंडली पार्टी चलाती है, जबकि वह सिर्फ एक नाममात्र की मुखिया थीं और सभी बड़े फैसले राहुल गांधी या उनके सुरक्षा गार्डों और पीए द्वारा लिए गए थे। कांग्रेस के साथ अपने लंबे संबंध और इंदिरा गांधी के साथ अपने करीबी संबंधों को याद करते हुए आजाद ने कहा कि कांग्रेस की स्थिति कोई वापसी नहीं के बिंदु पर पहुंच गई है।
आजाद ने कहा कि पूरी संगठनात्मक चुनाव प्रक्रिया एक दिखावा और दिखावा है। देश में कहीं भी कहीं भी संगठन के किसी भी स्तर पर चुनाव नहीं हुए हैं। राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए आजाद ने लिखा कि 2019 के चुनावों के बाद से पार्टी में स्थिति केवल खराब हुई है। आजाद ने कहा कि यह अभी भी बदतर रिमोट कंट्रोल माडल था, जिसने यूपीए सरकार की संस्थागत अखंडता को ध्वस्त कर दिया था, जिसे अब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में लागू किया गया है।