जिलों में कांग्रेस संगठन प्रभारियों के हाथ होगी पूरी कमान
भोपाल
कांग्रेस के पिछले कुछ सालों के अनुभव के बाद उसे आशंका है कि विधानसभा चुनाव के आसपास भाजपा उनके दल में तोड़फोड़ कर सकती है। इस आशंका के चलते कांग्रेस अब किसी भी एक नेता या पदाधिकारी के भरोस जिले में अपना संगठन नहीं चलाएगी।
संगठन में अब सबसे महत्वपूर्ण और अहम भूमिका में जिला प्रभारियों को रखा गया है। इसलिए कांग्रेस ने जिला प्रभारी भी ऐसे बनाएं हैं जो पार्टी के प्रति बफादार मान जाते हैं, हालांकि इस रणनीति के तहत कांग्रेस कुछ जिला प्रभारियों को हटा कर यह जिम्मेदारी दूसरे नेताओं को दे सकती है। सूत्रों की मानी जाए तो पीसीसी चीफ कमलनाथ इसके लिए भी तैयार हैं कि यदि भाजपा ने चुनाव के ठीक पहले या बीच चुनाव में कांग्रेस में तोड़फोड की तो संगठन को कोई नुकसान न हो। यदि कोई विधायक या कोई जिला अध्यक्ष ऐन वक्त पर भाजपा में चला जाए तो कांग्रेस का उस जिले का संगठन कमजोर न पड़े। इसके लिए समान्तर प्लान बनाया जा रहा है।
जिला प्रभारियों में कमलनाथ के फेवरेट
जिला प्रभारी कमलनाथ के भरोसे के लोग बनाए गए हैं। गुरुवार को हुई बैठक में नाथ ने यह संकेत दे दिए हैं कि विधायकों के साथ ही जिला अध्यक्ष और सभी अनुषांगिक संगठन, प्रकोष्ठ और विभागों के जिला अध्यक्ष जिला प्रभारी को ही रिपोर्ट करेंगे। जिला प्रभारी की सिफारिश पर ही कांग्रेस जल्द ही मंडलम और सेक्टर की कार्यकारिणी घोषित की जाएगी। वहीं जिला प्रभारियों की ही रिपोर्ट पर कुछ जिलों के अध्यक्षों की नियुक्ति की जाएगी। जिला प्रभारियों को महत्वपूर्ण रोल में रख कांग्रेस हर जिले में भाजपा की तोड़फोड से नुकसान ज्यादा न हो इस पर इस प्लान से काम कर रही है।