November 24, 2024

मायावती ने घोषित किया अपना उत्तराधिकारी, बसपा की मीटिंग में भतीजे आकाश आनंद को सौंपी विरासत

0

लखनऊ

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी अध्यक्ष मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है। लोकसभा चुनाव 2024 से पहले मायावती ने बड़ी घोषणा की। पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान आकाश आनंद को बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी। आकाश आनंद ने राजस्थान से लेकर मध्य प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ तक पार्टी को मजबूत बनाने की कोशिश की। अब लोकसभा चुनाव 2024 को मायावती ने आकाश आनंद के नेशनल लेवल पर लॉन्चिंग का पैड बनाने का निर्णय लिया है। बसपा प्रदेश पदाधिकारियों और जिले के नेताओं की विशेष बैठक रविवार को आमंत्रित की गई थी।

 मायावती ने बैठक में इस बड़ी घोषणा से हर किसी को हैरान कर दिया है। माना जा रहा था कि बसपा मायावती की अगुआई में लोकसभा चुनाव लड़ेगी। मायावती ने पहले ही बसपा के अकेले दम पर देश के आम चुनाव में उतरने का ऐलान कर दिया था। अब आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित किए जाने के बाद बसपा की ओर से गठबंधन पर भी कुछ फैसला हो सकता है। रविवार को पार्टी के प्रदेश अधिकारियों की बैठक के बाद मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान आकाश को उत्तराधिकारी घोषित कर दिया।

बसपा की बैठक में फैसला

मायावती ने पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक के दौरान अपने उत्तराधिकारी के संबंध में फैसला लिया। दरअसल, राजनीतिक महकमे में लगातार इन दिनों मायावती की सक्रियता को लेकर सवाल उठता रहा है। वे पहले की तरह चुनावी सभाओं में मौजूदगी नहीं दिखा पाती हैं। ऐसे में आकाश आनंद जैसे युवा चेहरे के पीछे खड़े होकर मायावती एक बार फिर बसपा को बहुजन समाज के बीच स्थापित करने की कोशिश कर सकती हैं। लोकसभा चुनाव 2024 में बसपा ने एक बार फिर अपनी ताकत बढ़ाने की कोशिश करती दिख रही है।

यूपी में पार्टी को विधानसभा चुनाव 2022 में बड़ी सफलता नहीं मिली। हालांकि, 2014 के लोकसभा चुनाव में शून्य पर सिमटने वाली बसपा ने 2019 में सपा के साथ गठबंधन कर 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पार्टी 2019 से अधिक सफलता के लिए आकाश आनंद पर दांव लगाती दिख रही है।

कौन हैं आकाश आनंद?

आकाश आनंद मायावती के भाई आनंद कुमार के बेटे हैं। आकाश ने लंदन से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की पढ़ाई की है। मायावती उन्हें वर्ष 2017 में राजनीति में लेकर आईं। परिवारवाद के खिलाफ हमेशा बात करने वाली मायावती ने कभी अपने भाई आनंद कुमार को तरजीह नहीं दी। लेकिन, विरासत की राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को आगे किया। मायावती ने 2017 में हुई सहारनपुर की रैली में आकाश आनंद को अपने साथ मंच पर लाया था। इसे आकाश आनंद की पॉलिटिकल लॉन्चिंग मंच भी कहा जाता है। इसके बाद से ही उन्हें मायावती के उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जाने लगा। आखिरकार, रविवार को उन्होंने इस संबंध में बड़ी घोषणा कर दी।

लगातार कमजोर हो रही पार्टी की स्थिति

बसपा में आकाश आनंद की लॉन्चिंग के बाद से कई बड़े फैसले देखे गए। कई नेताओं ने पार्टी छोड़ी। दरअसल, मायावती के उत्तराधिकारी बनने की महत्वाकांक्षा कई नेताओं के भीतर थी, लेकिन संकेतों में मायावती ने पहले ही स्थिति साफ कर दी थी। वहीं, मायावती ने पिछले दिनों इमरान मसूद से लेकर सांसद कुंवर दानिश अली को बाहर का रास्ता दिखाकर अलग ही रणनीति का परिचय दिया है। इसको लेकर मायावती की रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या इन फैसलों के पीछे आकाश आनंद की कोई रणनीति या सोच तो नहीं है।

आकाश आनंद की पॉलिटिकल लॉन्चिंग के बाद से बसपा का प्रदर्शन हर चुनाव में खराब होता गया है। यूपी चुनाव 2017 एवं 2022 और लोकसभा चुनाव 2019 में पार्टी का प्रदर्शन कमजोर हुआ। बहुजन समाज में पार्टी की स्वीकार्यता कम हुई। वोट शेयर में कमी इस बात को साबित करता है। यूपी चुनाव 2022 में बसपा ऐतिहासिक रूप से एक सीट पर सिमट गई। आकाश आनंद को उत्तराधिकारी बनाने के बाद स्थिति कितनी बदलेगी? यह सवाल यूपी के राजनीतिक महकमे में उठने लगा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed