चीतों की बसाहट को लेकर मुश्किलें और बढ़ी, कूनो के विशेष बाड़े में दो और तेंदुए घुसे, 3 पहले से मौजूद
श्रमिकों ने खुला छोड़ा गेट, अब शोर मचाकर निकालेंगे
भोपाल
श्योपुर जिले के कू नो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों की बसाहट को लेकर भारत सरकार जितनी संजीदा है,प्रदेश के वन महकमा उतना ही लापरवाह बना हुआ है। पार्क में पूर्व से मौजूद तीन तेंदुए पहले ही चीतों की आमद में बाधक थे,शुक्रवार को दो और तेंदुओं ने पार्क में घुसकर इस समस्या को और बढ़ा बना दिया। ये पार्क का गेट खुले होने से इसमें प्रवेश कर गए। पार्क प्रबंधन अब शोर मचाकर इन्हें बाहर करने की योजना पर विचार कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार,पार्क में लगे सीसीटीवी कैमरे में बीती रात दो और तेंदुओं को प्रवेश करते देख पार्क प्रबंधन की सांस फूल गई। दरअसल,चीतों की बसाहट को लेकर पार्क में वन्यप्राणी संस्थान देहरादून की टीम के निर्देशन में पार्क में चीतों की बसाहट को लेकर जरूरी तैयारियां की जा रही है। इस कार्य में जुटे मजदूर काम के बाद वापस जाते समय पार्क का गेट बंद करना भूल गए। इसका फायदा बाहरी दो तेंदुओं ने उठाया और पार्क में जा घुसे। इसके बाद पार्क में तेंदुओं की संख्या पांच बताई जाती है,जबकि भारत को चीता देने वाले देश दक्षिण अफ्रीका ने पार्क से पहले तेंदुओं को बाहर करने की शर्त रखी है। इसके चलते पार्क में पहले से मौजूद तीन तेंदुओं को निकालने के प्रयास जारी है,लेकिन वे बाहर हो पाते इससे पहले दो और तेंदुओं की घुसपैठ ने पार्क प्रबंधन की मुश्किलें और बढ़ा दी है।
हाथियों पर बैठकर देंगे हाका,करेंगे बाहर
विशेष बाड़े में घूम रहे तेंदुओं को बाहर निकालने के लिए अब हाथियों का सहारा लिया जाएगा। इसके लिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से दो हाथी मंगवाए गए हैं। वहीं बाड़े की फेंसिंग से सटकर सीढ़ी नुमा स्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है। अधिकारियों का मानना है कि हाथियों की मदद से तेंदुओं को हाका देकर इस स्थान पर लाएंगे और जब उन्हें कहीं और भागने की जगह नहीं मिलेगी, तो वे चढ़ाई पर चढ़कर कर बाड़े से बाहर निकल जाएंगे।
अब तक हाथ लगी नाकामी
इससे पहले भारतीय वन्यप्राणी संस्थान देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. वायपी झाला सहित तीन डाक्टर और सैकड़ों कर्मचारियों की टीम भी पूर्व से मौजूद तीन तेंदुओं को निकालने के सभी तरीके अपना चुकी है। यहां तक कि पार्क में 20 पिंजरे लगाए गए। पांच वाच टावर से इनकी निगरानी की जा रही है। तेंदुओं को बेहोश करने के लिए भी कूनो, माधव नेशनल पार्क एवं वन्यप्राणी संस्थान देहरादून की एक- एक विशेषज्ञ टीम को ट्रंकुलाइजर गन के साथ तैनात किया गया है, ताकि तेंदुए हाथ नहीं आ रहे हैं। जबकि गत 23 अगस्त को पार्क के दौरे पर आए पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के महानिदेशक सीपी गोयल ने वन अधिकारियों को तीन दिन में तेंदुओं को बाड़े से बाहर करने के निर्देश दिए थे।
पार्क में दो हैलीपेड बनकर तैयार
चीता पुनर्वास केंद्र सरकार का महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। इसके अंतर्गत आठ चीतों को नामीबिया व दक्षिण अफ्र ीका से पिंजरों में कैद कर लाया जाएगा। चीतों को कूनो में प्रवेश समारोह पूर्वक कराए जाने की योजना है। इसमें केंद्र सरकार की ओर से किसी अति विशिष्ट राजनेता के शामिल होने की संभावना है। इसके चलते पार्क में विशेष बाड़े से दूर 5 सितंबर तक दो हैलीपेड तैयार करने के निर्देश भी केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की ओर से दिए गए है। बताया जाता है कि हैलीपेड बनकर तैयार हैं।