September 23, 2024

हिमाचल कांग्रेस में बगावत का माहौल, चुनावी तैयारियों के बीच भंग हुई सात मंडलों की कमेटियां

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शिमला
साल के अंत में हिमाचल प्रदेश के अंदर विधानसभा चुनाव होने है। कांग्रेस पार्टी जहां इस चुनाव में जीत दर्ज कराने के लिए ताना-बाना बुन रही है, वहीं एक साथ सात मंडल कमेटियों को भंग कर पार्टी में नया विवाद पैदा हो गया है। जिससे इन चुनाव क्षेत्रों में एक साथ कांग्रेसी बगावत ने संगठन की एकता को तार-तार कर दिया है। पार्टी आलाकमान के इस कदम से हर कोई हैरान है। हिमाचल कांग्रेस में आपसी गुटबाजी खत्म होने के बजाय बढ़ती जा रही है। नेता एक दूसरे को नीचा दिखाने में कोई कोर कसर नहीं रखना चाहते। जिससे चुनाव से करीब दो महीने पहले पार्टी में हताशा का माहौल है। दरअसल, प्रदेश कांग्रेस ने पच्छाद, कांगड़ा, सुलह, हमीरपुर, सरकाघाट, कसौली और जोगिन्दर नगर मंडल कांग्रेस कमेटियों को भंग करने का आदेश जारी किया है।

जिससे पार्टी में बगावत का माहौल तैयार हो गया है। यह निर्णय कब और किसने किया। इस मामले पर पार्टी नेताओं ने चुप्पी साध ली है। लेकिन पार्टी के महासचिव रजनीश किमटा ने पत्र जारी करते हुए कहा है कि पार्टी प्रभारी राजीव शुक्ला ने प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह की संस्तुति से सात मंडल कमेटियों को भंग करने का निर्णय लिया है। इससे पहले कि यहां नए संगठन खडा किए जाते, उससे पहले ही यहां बगावत का माहौल तैयार हो गया है।

श्रीनगर की नवा शाह बनीं प्रेरणास्रोत, लोगों को दे रहीं घर में बने अचार का टेस्टी स्वाद कई नेता कांग्रेस पार्टी छोडने की तैयारी में हैं। जाहिर है कि इस विवाद का सीधा असर सात विधानसभा क्षेत्रों में पडेगा। कांगड़ा में पहले ही पाटी को विधायक पवन काजल के पार्टी छोड भाजपा में शामिल होने पर झटका लग चुका है। इसी तरह सुलह में पूर्व विधायक जगजीवन पाल और कांग्रेस टिकट के दूसरे दावेदार जगदीश सिपाहिया के बीच तनातनी चल रही है। हमीरपुर में प्रतिभा सिंह और सुक्खू गुट आमने सामने हैं। तो सरकाघाट में पूर्व मंत्री रंगीला राम राव और यदुपति ठाकुर के बीच टिकट की दावेदारी पर कशमकश चल रही है। कसौली में पिछला चुना हारे सुल्तानपुरी का विराध किसी से छिपा नहीं है। इसी तरह पच्छाद में गंगू राम मुसाफिर और जोगिंदर नगर में ठाकुर के खिलाफ माहौल है। हिमाचल कांग्रेस में चल रही गुटबाजी किसी से छिपी नही है।

प्रतिभा सिंह को पार्टी की कमान मिली तो उनके साथ चार कार्यकारी अध्यक्ष बनाये गये, लेकिन उनमें पवन काजल ने पार्टी छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया। वहीं पूर्व अध्यक्ष सुखविन्दर सिंह सुक्खू और नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री भी अगले सीएम के तौर पर अपने आपको पेश कर रहे है। जिससे पार्टी में गुटबाजी बढ़ती जा रही है। अब सात कमेटियों को भंग करने के मामले ने नया बखेडा खडा कर दिया है। और इसका विरोध हो रहा है। प्रदेश कांग्रेस की उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्य संसदीय सचिव अनीता वर्मा ने पार्टी के इस निर्णय का विरोध करते हुए कहा कि हम विधानसभा चुनावों की दहलीज पर खड़े हैं और इसमें पार्टी को ब्लॉक कमेटियां भंग करना गलत है। कहा कि ब्लॉक कांग्रेस कमेटी एक पूरी टीम की तरह पिछले कई समय से विधानसभा क्षेत्र में पार्टी का प्रचार जोरों शोरों से कर रही है और अब इस समय इस कमेटी को भंग करने से आम कार्यकर्ताओं और जनता में एक गलत संदेश जाएगा। उन्होंने कहा कि हमीरपुर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुरेश पटियाल एक रिटायर्ड तहसीलदार हैं और कर्मचारी वर्ग में काफी अच्छी पकड़ रखते हैं इसमें उनको और उनकी पूरी टीम को हटाए जाने से पूर्व कर्मचारियों में भी एक गलत संदेश जाएगा।

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