भारी अतिक्रमण की चपेट में नगर का बस स्टैण्ड परिसर
गंज बासौदा
नगर के रामलीला मैदान परिसर दिनों दिन अतिक्रमण की चपेट में आने से वहां मेला परिसर का आकार छोटा होता जा रहा है और अतिक्रमण सुरसा के मुंह की तरह बढ़ता जा रहा है। वहीं मेला परिसर एवं बस स्टैण्ड की बेसकीमती जगह पर प्रशासन की महरवानी एवं अधिकारियों की सुस्ती के चलते नित नये अतिक्रमणकर्ता अपने नये ठिकाने बना रहे हैं। पूरे परिसर में शायद ही कोई जगह शेष बची हो जहां अतिक्रमणकारियों द्वारा अपने कब्जे अथवा निशानी न लगाई हो । वहीं आटो गैरिज मालिक , ट्रक सुधारक , कार सुधारने वाले जहां मर्जी हो वहां वाहनों को खड़ा कर सुधारते हैं और कई लोगों ने तो स्थाई वाहन स्टैण्ड बना रखा है जहां पर खटारा वाहन एवं कबाड़ वर्षों से पड़ा हुआ है। जिनकी न तो नगरपालिका को जगह का किराया वसूल होता है न ही बाजार बैठकी रशीद काटी जाती है। बड़ी बात तो यह है कि दिसम्बर माह में लगने वाला मेला इन अतिक्रमण कारियों के किये हुए अतिक्रमण के चलते नपा द्वारा सीमित जगह में ही संचालित करने को मजबूर होना पड़ रहा है।
आखिर नपा की ऐसी क्या मजबूरी है जो इन अतिक्रमणकारियों के कि ये हुए अतिक्रमणों के आगे घुटने टेक ने पर मजबूर होना पड़ रहा है। बरेठ रोड स्थित महाराणा प्रताप बस स्टैण्ड बने हुए दो दशक से पूर्ण होने को हैं । जिस समय नवीन बस स्टैण्ड का निर्माण हुआ था उस समय बस स्टैण्ड तक पहुंचने वाले सभी मार्गों का निर्माण किया गया था । लेकिन घटिया निर्माण के कारण कुछ ही वर्षों में बेकार हो गया । उक्त रिंग रोड जर्जर हाल हो गई है जिसमें बड़े बड़े गड्डे हो गये हैं। मिनी स्मार्ट सिटी के तहत बस स्टैण्ड को मुख्य मार्ग से जोड़ने वाली एक दो सड़क ो का निर्माण चल रहा है। वहीं परिसर इन दिनों अव्यवस्थाओं का अड्डा बना हुआ है। जिससे यहां आने वाले यात्रियों को परेशानियों का सामना वर्षों से करना पड़ रहा है । लेकिन इसके बावजूद भी इन अव्यवस्थाओं की और न तो स्थानीय प्रशासन ध्यान दे रहा है और न ही नगरपालिका । वर्षाें पहले बना सर्वसुविधायुक्त बस स्टैण्ड पर सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है।
बस स्टैण्ड परिसर में न तो यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है और न ही पानी की जिसके चलते यात्रियों को पीने के पानी के लिये दूर दूर तक भटकना पड़ता है चारों तरफ से बस स्टैण्ड अतिक्रमण से घिरा हुआ है। जिसके कारण यात्रियों को बस स्टैण्ड एक नजर में तो दूर से नजर ही नहीं आता और वहां तक पहुंचने के लिये कई स्थानों से घूम कर जाना पड़ता है जब क हीं वह बस स्टैण्ड तक पहुंच पाते हैं । यही नहीं लंबे समय से बस स्टैण्ड प्रांगण की मरम्मत न होने के कारण वह जगह जगह से उखड़ गया है। जिससे परिसर में जगह जगह सरिये निकल आयें हैं तो कहीं गड्डों की भरमार है। जिस स्थानों पर यात्रियों को धूप और बारिश से बचने के लिये विश्राम की जगह हैं वहां पर लोगों ने अपनी दुकाने सजा ली हैं। वहीं परिसर पर अवैध रूप से अतिक्रमण किये हुए दर्जनों मैकेनिकों द्वारा सुधारने के नाम पर पचासों वाहनों को कईकई दिनों तक प्रांगण में खड़ा रखा जाता है। जिससे भी कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
शराबी मचाते हैं उत्पाद
बस स्टैण्ड परिसर के अंदर दर्जनों मीट ,मुर्गा की दुकानें , होटल एवं कुछ ही दूरी पर देशी शराब का ठेका होने के कारण सुबह से ही शराबियों का आना जाना लग जाता है। जिससे इन शराबियों से आयदिन यात्रियों की हुज्जत होती रहती है। बस स्टैण्ड परिसर शराबियों का अड्डा बन गया है। ये शराबियों के यहीं पर जाम झलकते हैं और सुबह से देर रात तक यहीं महफिलें सजती हैं। वहीं कई बार बसों में घुसकर यात्रियों से बदतमीजी करना, होटलों और दुकानों पर उत्पाद मचाला आम बात हो गई है। लेकिन इस ओर प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है।
नहीं है पेयजल की सुविधा
बस स्टैण्ड पर दूरदराज से आने वाले यात्रियों को जब प्यास लगती है तो वह प्याऊ की और भागते हैं लेकिन उन्हें क्या पता यह प्याऊ वर्षों से बंद पडी है परिसर में एक मात्र स्थित प्याऊ है जो लोगों की प्यास बुझा सकती है लेकिन वह भी चालू नहीं है । वहीं परिसर के पास एक हैण्डपंप भी स्थित है वह भी रातदिन चलने के कारण महीने में आठ दिन ही चालू रह पाता है । वहीं एक मात्र हैण्ड पंप पर दुकानदारों और बस मालिकों का कब्जा रहता है जो अपने वाहनों को धोने और दुकानों में उपयोग आता है।
पानी निकासी न होने के कारण मची रहती है गंदगी
बस स्टैण्ड परिसर के चारों और पानी क ी निकासी की व्यवस्था न होने के कारण बस स्टैण्ड परिसर में ही पानी जमा हो जाता है। वहीं परिसर के चारों ओर बनी नालियां चौक हो जाने के कारण गंदे पानी की निकासी नहीं हो पाती । जिससे पीछे पानी का भराव होता रहता जिससे गंदगी का माहौल व्याप्त है । इस पानी के भराव के कारण मच्छरों एवं अन्य रोगों के कीटाणु पनप रहे हैं जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड रहा है । वहीं लोगों ने उस स्थान पर मलवे का भराव करवाकर अपनी अपनी दुकानें सजवा रखी हैं। वहीं यहां स्थित दुकानदारों का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बाद भी पानी निकासी की व्यवस्था नहीं की जा रही है जिससे उन्हें बीमार होने का भय बना रहता है ।
बस स्टैण्ड पर हुआ अतिक्रमणकारियों का कब्जा
बस स्टैण्ड परिसर वैसे ही अव्यवस्थाओं से घिरा है वहीं अब तो बस स्टैण्ड परिसर में यात्रियों के बैठने के लिये भी जगह नहीं बची है । यात्रियों को धूप पानी से बचने के लिये जिस भवन का निर्माण किया गया था उस जगह पर ठेले वालों और अन्य दुकानदारों ने अपनी दुकाने जमा लीं है । जिससे यात्रियों को धूप में ही बैठना पडता है वहीं बची खुची जगह में आवारा मवेशियों ने अपना कब्जा जमा लिया है । कभी कभी ये मवेशी आपस में लड जाते हैं जिसका खामियाजा यात्रियों को भुगतना पडता है और वे घायल हो जाते हैं ।